फ्रांस की राजधानी पेरिस में खेले जा रहे पेरिस ओलंपिक में भारतीय एथलीट पूरा दम लगा रहे हैं. इन खेलों में टेनिस में भारतीय चुनौती पूरी तरह समाप्त हो गई, क्योंकि रोहन बोपन्ना और एन श्रीराम बालाजी को मेंस डबल्स में हार मिली. भारतीय जोड़ी को फ्रांसीसी खिलाड़ियों गेल मोनफिल्स और एडुआर्ड रोजर-वेसलिन ने 5-7, 2-6 से हरा दिया. सुमित नागल पुरुष एकल के पहले दौर में फ्रांस के कोरेंटिन माउटेट के हाथों 2-6, 6-2, 5-7 से हारकर बाहर हो गए थे. पहले ही मैच में हार मिलने के बाद दिग्गज टेनिस स्टार रोहन बोपन्ना ने संन्यास का ऐलान कर दिया है.
अब रोहन बोपन्ना टेनिस खेलते नहीं दिखेंगे. ये खबर फैंस के लिए बड़ा झटका है. रोहन बोपन्ना ने पुष्टि कर दी है कि ये उनके करियर का आखिरी मैच रहा. 22 सालों तक इस दिग्गज ने देश के लिए खेला और कई मेडल अपने नाम किए. उनका करियर ऐतिहासिक रहा.
ऐतिहासिक करियर पर बहुत गर्व है (Rohan Bopanna Retirement)
रोहन बोपन्ना ने कहा ‘यह मेरे टेनिस करियर का आखिरी टूर्नामेंट रहा. मैं समझता हूं कि एक खिलाड़ी के तौर पर मैं कहां पहुंचा हूं. मैं जहां हूं, वह मेरे लिए बहुत बड़ी उपलब्धि है. मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं 20 साल से भी ज्यादा समय तक बहुत ऊंचे लेवल पर भारत का प्रतिनिधित्व करूंगा. 2002 में डेब्यू और आज उसके 22 साल बाद भी मैं ओलंपिक्स में अपने देश का प्रतिनिधि रहा. मुझे इस ऐतिहासिक करियर पर बहुत गर्व है.’
2026 एशियाई खेलों में नहीं दिखेंगे रोहन
रिटायरमेंट का ऐलान कर चुके रोहन बोपन्ना अब 2026 में होने वाले एशियाई खेलों में हिस्सा नहीं लेंगे. साल 2016 रियो ओलंपिक में बोपन्ना और सानिया मिर्जा की टीम मिक्स्ड डबल्स के सेमीफाइनल में पहुंची थी, लेकिन खिताब जीतने से चूक गई थी. इस बार बोपन्ना के पास श्रीराम बालाजी के साथ मिलकर ओलंपिक मेडल जीतने का मौका था, लेकिन अब उनका यह सपना अधूरा ही रह गया.
रोहन बोपन्ना के नाम दर्ज है ये वर्ल्ड रिकॉर्ड
रोहन बोपन्ना का टेनिस करियर ऐतिहासिक रहा है. वे 6 बार डबल्स कम्पटीशन में ग्रैंड स्लैम फाइनलिस्ट रहे हैं. उन्हें 2 बार का ग्रैंड स्लैम चैंपियन बनने का भी गौरव हासिल है. रोहन ने साल 2017 में कनाडा की गेब्रियला डैब्रोवस्की के साथ मिलकर मिक्स्ड डबल्स में फ्रेंच ओपन का खिताब अपने नाम किया था. फिर साल 2024 में ऑस्ट्रेलिया के मैथ्यू एब्डन के साथ मिलकर ऑस्ट्रेलियन ओपन का खिताब अपने नाम किया है, वे इस खिताब को जीतने वाले सबसे उम्रदराज खिलाड़ी थी, उन्होंने 44 साल की उम्र में यह कमाल किया था. यह एक वर्ल्ड रिकॉर्ड है.