पी चिदंबरम के बेटे कार्ति को दिल्ली HC का नोटिस, ED ने दायर की थी याचिका-20 अप्रैल को होगी सुनवाई

दिल्ली उच्च न्यायालय ने शुक्रवार को प्रवर्तन निदेशाल की ओर से दायर एक याचिका पर पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम, बेटे कार्ति चिदंबरम और अन्य को नोटिस जारी किया. न्यायमूर्ति योगेश खन्ना की पीठ ने शुक्रवार को पी चिदंबरम उनके बेटे कार्ति और अन्य से जवाब मांगा और मामले में आगे की सुनवाई के लिए 20 अप्रैल की तारीख तय की.जांच एजेंसी ने विशेष अदालत के उस आदेश को रद्द करने का निर्देश देने की मांग की है जिसमें आरोपी को मलखाना में रखे गए दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई थी.

इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट के जस्टिस चंद्रधारी सिंह की बेंच ने आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ईडी की याचिका पर सुनवाई से खुद को अलग कर लिया था. केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने पहले भी दिल्ली उच्च न्यायालय का रुख किया था, जिसमें राउज एवेन्यू कोर्ट द्वारा पारित एक आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें आरोपी व्यक्तियों और उनके वकीलों को दस्तावेजों का निरीक्षण करने की अनुमति दी गई थी.जिसे बाद में दिल्ली हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था.

 2017 मेंं दर्ज हुआ था मामला

सीबीआई ने केंद्रीय वित्त मंत्री के रूप में चिदंबरम के कार्यकाल के दौरान 2007 में 305 करोड़ रुपये के विदेशी धन प्राप्त करने के लिए INX मीडिया समूह को विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड (FIPB) की मंजूरी में अनियमितता का आरोप लगाते हुए 15 मई, 2017 को मामला दर्ज किया था.इसके बाद ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग का मामला भी दर्ज किया था. आर्थिक अपराध प्रहरी ने सीबीआई द्वारा प्राथमिकी के आधार पर एक पीएमएलए (धन शोधन निवारण अधिनियम) का मामला दर्ज किया था और आरोप लगाया था कि आईएनएक्स मीडिया को एफआईपीबी मंजूरी में अनियमितताएं हुईं.

पी चिदंबरम पर आरोप, चल रही है जांच

बता दें कि ये मामला एयरसेल-मैक्सिस समझौते लिए मंजूरी देने से जुड़ा है. आरोप है कि इस समझौते को मंजूरी देने में कई तरह के नियमों का उल्लंघन किया गया. साथ ही मनी लॉन्ड्रिंग के भी आरोप हैं. ये सौदा तब हुआ था, जब पी चिदंबरम वित्त मंत्री थे. आरोप लगाया गया कि चिदंबरम ने कुछ लोगों को फायदा पहुंचाने के लिए इस समझौते को मंजूरी दी. इसके बाद सीबीआई ने इसे लेकर मामला दर्ज किया और जांच शुरू की. जांच के दौरान पी चिदंबरम और उनके बेटे को समन भी भेजा गया. हालांकि कोर्ट की तरफ से उन्हें राहत दी गई. गिरफ्तारी से बचने के लिए पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम ने कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर की थी, जिसके बाद कोर्ट ने इसे मंजूरी दे दी थी और गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी.

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