सर्वदलीय बैठक में उठी मांग, केंद्र सरकार वापस ले बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र में बढ़ोतरी का फैसला

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सोमवार को सर्वदलीय बैठक बुलाई। केंद्र सरकार के साथ विभिन्न लंबित मुद्दों पर सर्वसम्मति बनाने के उद्देश्य से बुलाई गई बैठक के लिए पंजाब के विपक्षी दलों- शिरोमणि अकाली दल, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी ने हिस्सा लिया। बैठक में केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र भारत-पाक सीमा से पंजाब के भीतर 50 किमी तक बढ़ाने के फैसले के विरोध में सर्वसम्मति जुटाई गई।

बैठक के बाद चन्नी ने कहा कि सभी दलों ने सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित किया कि इस अधिसूचना को केंद्र सरकार द्वारा वापस लिया जाए। अगर सरकार ऐसा नहीं करती है तो विधानसभा का सत्र बुलाया जाएगा। चन्नी ने कहा कि यह पंजाब और पंजाबियों से संबंधित मामला है। कानून और व्यवस्था राज्य का विषय है और यह संघीय ढांचे में हमारे अधिकारों पर छापे की तरह है, पंजाब में सभी राजनीतिक दल केंद्र से अधिसूचना वापस लेने की लड़ाई में एक साथ हैं। बैठक में नवजोत सिद्धू ने भी हिस्सा लिया।

शिरोमणि अकाली दल ने कहा कि केंद्र द्वारा पंजाब में बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र बढ़ाए जाने का अकाली दल सख्ती से विरोध करता है और इस मुद्दे पर सर्वसम्मति बनाने के लिए पार्टी राज्य सरकार के साथ खड़ी है। पार्टी प्रवक्ता व सीनियर उपाध्यक्ष चीमा ने कहा कि जब भी पंजाब के हितों की बात आएगी, अकाली दल समान विचार रखने वाले दलों के साथ खड़ा होगा, भले ही पानी का मुद्दा हो या तीन खेती कानूनों का। उन्होंने कहा कि सर्वदलीय बैठक में हम सभी को एकजुट होकर केंद्र के फैसले का विरोध करना है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चन्नी के कारण पंजाब को यह दिन देखना पड़ रहा है। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह भी केंद्र के साथ मिल गए हैं।

 

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