छत्तीसगढ़ के सुकमा और बीजापुर जिले के सरहदी इलाकों में ड्रोन हमले के विरोध में हजारों ग्रामीण लामबंद हुए हैं। ग्रामीणों का आरोप है कि गांवों पर फोर्स ने ड्रोन बम दागे। ग्रामीण अब इस मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने कोंटा विधायक और छत्तीसगढ़ के आबकारी मंत्री कवासी लखमा के खिलाफ भी नारेबाजी की है। ग्रामीणों का कहना है कि चुनाव के समय वोट मांगने आते हैं, लेकिन अब हमारी समस्या सुनने अब तक नहीं आए हैं।
दोनों जिलों के सरहदी गांव बोड़केल में 10 से ज्यादा गांवों के हजारों ग्रामीण एकत्रित हुए हैं। पिछले 3-4 दिनों से ग्रामीणों का आंदोलन लगातार जारी है। ग्रामीणों ने कहा कि 14-15 अप्रैल की रात फोर्स ने सुकमा और बीजापुर जिले के कई गांवों में ड्रोन से बमबारी की थी । हालांकि इस बमबारी में किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ। जल-जंगल-जमीन पर हमारा अधिकार है। बमबारी से जमीन और पेड़ों को काफी नुकसान हुआ है। प्रदूषण फैला है। ग्रामीणों ने कहा कि ड्रोन बम फटने के बाद के अवशेष अपने पास सबूत के तौर पर रखे हुए हैं। हालांकि, बस्तर IG सुंदरराज पी ने ड्रोन हमले को सिरे से नकारा है।
नक्सलियों ने भी किया था प्रेस नोट जारी
माओवादियों के दंडकारण्य स्पेशल जोनल कमेटी के प्रवक्ता और खूंखार माओवादी विकल्प ने प्रेस नोट जारी कर फोर्स पर ड्रोन से हमला करने का आरोप लगाया था। माओवादियों ने कहा कि, बस्तर के अलग-अलग जंगल में फोर्स ने ड्रोन से हमला किया है। करीब 50 से ज्यादा बम गिराए गए हैं। लेकिन, इनसे किसी को कोई नुकसान नहीं हुआ है। विकल्प ने कहा था कि। 14 और 15 अप्रैल की रात फोर्स ने बोट्टेम, रासम, साकिलेर, कन्नेमरका, मड़पा समेत कई गांवों में रात करीब 1 से 2 बजे के बीच लगातार ड्रोन हमला किया गया। इस बमबारी में जंगलों को नुकसान हुआ है। माओवादियों ने सबूत के तौर पर कुछ तस्वीरें भी जारी की थी।