प्रयागराज. ज्ञानवापी मसले पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला आया है. हाईकोर्ट ने मुस्लिम पक्ष की अर्जी खारिज कर दी है. ASI सर्वे को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हरी झंडी दे दी है. ज्ञानवापी परिसर में ASI सर्वे पर रोक लगाने से कोर्ट ने इनकार कर दिया है. ज्ञानवापी परिसर में ASI का सर्वे जारी रहेगा. वाराणसी जिला कोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा. हाईकोर्ट ने सर्वे को जल्द शुरू करने को कहा है.
इसी बीच हाईकोर्ट के फैसले के बाद तमाम राजनैतिक दलों के नेताओं की प्रतिक्रिया भी आनी शुरु हो गई हैं. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं आदेश का स्वागत करता हूं. मुझे विश्वास है कि ASI के सर्वेक्षण से सच्चाई सामने आएगी और इस विवाद का भी निस्तारण होगा.
हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा कि इलाहाबाद हाई कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को सर्वेक्षण करने के लिए कहा है. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज़िला कोर्ट के फैसले को तत्काल प्रभाव से प्रभावी करने के लिए भी कहा है.
समाजवादी पार्टी के सांसद डॉ. एस. टी. हसन ने कहा कि अदालत ने जो फैसला दिया उससे माना होगा. सर्वे के दौरान उस स्मारक को कोई नुकसान न पहुंचे. जो भी सर्वे का फैसला होगा वह हम मानेंगे, लेकिन यह फैसला सभी पक्षों को मानना होगा. हमारे देश को आज सांप्रदायिक सौहार्द्र और राष्ट्रीय एकीकरण की बहुत जरूरत है. हम में से किसी को भी ऐसे बयान नहीं देने चाहिए जिससे फासले बढ़े.
नेशनल कॉन्फ्रेंस (NC) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मंदिर हो या मस्जिद, वह सबका एक ही है. आप उसे मंदिर में देखें या मस्जिद में, कुछ फर्क नहीं है. वहीं इलाहाबाद उच्च न्यायालय के फैसले पर वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन वहां ऐसे अनगिनत साक्ष्य मौजूद हैं जो बताते हैं कि यह एक हिंदू मंदिर था. ASI सर्वे से तथ्य सामने आएंगे. मुझे यकीन है कि असली ‘शिवलिंग’ वहां मुख्य गुंबद के नीचे छुपाया गया है. इस सच्चाई को छुपाने के लिए वे (मुस्लिम पक्ष) बार-बार आपत्ति जता रहे हैं. वे जानते हैं कि इसके बाद यह मस्जिद नहीं रहेगी और वहां भव्य मंदिर बनने का रास्ता साफ हो जाएगा.
बता दें कि वाराणसी के जिला जज डॉ. अजय कुमार विश्वेश ने ज्ञानवापी सर्वे का आदेश जारी किया था. अब जिला कोर्ट के फैसले को हाई कोर्ट ने बरकरार रखने का आदेश जारी किया है. इस प्रकार ज्ञानवापी परिसर के एएसआई पर लगी रोक भी हट गई है. अब किसी भी समय एएआई की ओर से सर्वे का कार्य शुरू कराया जा सकता है.