दुखों और समस्याओं को पहाड़ बनाती है निराशा – जैन संत हर्षित मुनि

 

’’लेट्स गो’’ का सिद्धांत अपनाओ हल अपने आप निकल जाएगा

राजनंदगांव (दैनिक पहुना)। जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि हम अपने आपको दुनिया का सबसे दुखी इंसान समझते हैं। हम यह सोचते हैं कि इतने दुख हमारे पास हैं, जितना किसी के पास नहीं है। आखिर हमें किस बात का दुख है। दरअसल हम अपने आप से ही दुखी हैं। हम सामने वाले व्यक्ति को सुखी सोचते हैं। उन्होंने कहा कि निराशा, दुखों और समस्याओं को पहाड़ बना देती है। आप ’’लेट्स गो’’ का सिद्धांत अपनाओ और आगे बढ़ जाओ तो सभी दुखों और समस्याओं का हल अपने आप निकल जाएगा।
समता भवन में आज अपने नियमित प्रवचन में जैन संत श्री हर्षित मुनि ने कहा कि हमारा व्यापार थोड़ा कम हो जाता है या परिणाम थोड़ा कम आ जाता है तो हम चिंता करने लगते हैं और दुखी हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि ’’लेट्स गो’’ का सिद्धांत अपनाने से हम निश्चिंत हो जाते हैं। यदि हम यह मान लें कि यह काम हमसे होने वाला नहीं है तो वह कार्य नहीं हो सकता, उस कार्य को वहीं छोड़ दो, जिस दिन उस कार्य को आप छोड़ देंगे, उस दिन से वह कार्य भगवान स्वयं आगे बढ़ाने लगते हैं और हमारी समस्याओं व दुखों का हल निकल जाता है। उन्होंने कहा कि कोई भी दुख, कोई भी बुरी बात को अपने भीतर मत लो। समाधान हमारे पास ही है। हम समस्या के चारों ओर घूमते रहते हैं। हम समस्या का समाधान अंतर्मन से ढूंढने का प्रयास नहीं करते। यदि अंतर्मन से समस्या का समाधान खोजें तो हल अवश्य निकलेगा।
श्री हर्षित मुनि ने कहा कि समस्याओं को हम घर लेकर ना जाएं और रात में उसे भूल जाए तो बहुत सारी समस्याओं का हल अपने आप ही निकल जाएगा। आप धन्यवाद देना सीखिए। किसी के सहयोग का धन्यवाद दीजिए तो आपकी अनेक समस्याएं हल हो जाएगी। उन्होंने कहा कि हम तनाव में जी रहे हैं। यह जीवन चंद दिनों के लिए है और इसमें भी हम तनाव को अपने ऊपर ले लेते हैं। यहां तक कि रात को सोते हैं तो तनाव हमारे पास होता है और सुबह उठते हैं तो भी तनाव को साथ लेकर उठते हैं। प्रसन्नता को अपने साथ रखिए। आप उसी समय सुखी हो सकते हैं बशर्ते इसके लिए आप मन में धन्यवाद का भाव रखें। तनाव को दूर रखिए और दुखों व समस्याओं के लिए ’’लेट्स गो’’ का सिद्धांत अपनाएं और खुश रहना सीखिए।

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