महाराष्ट्र में सत्ता परिवर्तन होने और नई सरकार में डिप्टी सीएम बनने के बाद देवेंद्र फडणवीस पहली बार अपने गृह क्षेत्र नागपुर पहुंचे। यहां मीडिया से बात करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा खुलासा किया। पूर्व मुख्यमंत्री ने डिप्टी सीएम पद का स्वीकार करने को लेकर कहा कि उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के आदेश पर ऐसा किया है। उन्होंने कहा कि मैंने ही यह प्रस्ताव दिया था कि मैं सरकार के बाहर रहूंगा और उसके संचालन में पूरी मदद करूंगा। लेकिन राज्यपाल को चिट्टी देने के बाद जब हमने मीडिया से बात की तो फिर घर पहुंचने पर अध्यक्ष जेपी नड्डा जी का फोन आया था। इसके बाद अमित शाह ने भी फोन किया। उन्होंने कहा कि मुझे सरकार में जाना चाहिए और बाहर से उसका संचालन नहीं हो सकता। उन्होंने कहा कि जब सोनिया गांधी पीछे रहकर कांग्रेस की सरकार चलाती थीं तो हम उनकी आलोचना करते थे कि असंवैधानिक तरीके से सरकार चला रही हैं।
मेरे नेता कहते, आपकी जरूरत नहीं है तो भी खुश ही रहता
उन्होंने कहा कि इसके बाद पीएम नरेंद्र मोदी से बात हुई और फिर इस पर फैसला लिया। उन्होंने कहा, ‘पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि सरकार बाहर नहीं रहती। सरकार चलानी है तो फिर हमें उसमें शामिल होना है। उन्होंने कहा कि इसके बाद हमने अपने वरिष्ठों के आदेश पर फैसला बदल दिया और डिप्टी सीएम की शपथ ली।’ उन्होंने कहा कि हमारे नेताओं की साफ राय थी कि बिना सरकार में शामिल हुए कैसे सरकार चल जाएगी। कोई असंवैधानिक संस्था के तौर पर सरकार का संचालन नहीं किया जा सकता। इसलिए उसमें शामिल होना जरूरी है। पार्टी के नेताओं का आदेश मेरे लिए सब कुछ था। यदि वह यह भी कह देते कि आपकी जरूरत नहीं है, घर चले जाओ तो उस पर भी मैं राजी हो जाता।
‘हमने साबित किया कि सत्ता का लालच नहीं है’
उन्होंने कहा कि इस फैसले से हमने साबित किया है कि हम सत्ता के लालची नहीं है। हमारे पास 115 विधायक थे, यदि जिद करते तो मुख्यमंत्री का ही पद मिल जाता. लेकिन हमने यही प्रस्ताव तैयार किया कि मैं सत्ता से बाहर रहूंगा और शिंदे सरकार को पूरा समर्थन करूंगा। इस दौरान उन्होंने नागपुर के लोगों को भरोसा दिलाया कि महाराष्ट्र विधानसभा का शीत सत्र यहीं से चलेगा। उन्होंने एकनाथ शिंदे को लेकर कहा कि मैंने उनके साथ पहले भी काम किया है। वह एक सफल मुख्यमंत्री साबित होंगे क्योंकि उनमें काफी गुण हैं।
फडणवीस ने उद्धव सरकार पर कसा तंज, अब किसी को गिरफ्तार नहीं करेंगे
उन्होंने कहा कि इस सरकार को चलाने में मैं सबसे अधिक योगदान दूंगा। हम सब मिलकर महाराष्ट्र की पटरी से उतरी ट्रेन को पटरी पर लाएंगे, महाराष्ट्र को देश में नंबर वन बनाए बिना नहीं रुकेंगे। उन्होंने कहा कि मैंने ढाई साल तक नेता विपक्ष के तौर पर काम किया और पूरे राज्य का दौरा किया था। तब मुझे पता चला कि राज्य में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो शिवसेना के नेतृत्व से नाराज हैं। देवेंद्र फडणवीस ने इस मौके पर उद्धव ठाकरे के शासनकाल पर तंज भी कसा। उन्होंने कहा कि अब इस सरकार में लोगों को बोलने की आजादी होगी और किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया जाएगा। बता दें कि उद्धव सरकार के कार्यकाल में कंगना रनौत, सांसद नवनीत राणा समेत कई लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई थी।