राजनांदगांव। प्राइवेट छात्र-छात्राओं से जनभागीदारी शुल्क लिये जाने के विरोध में सैकड़ों विद्यार्थियों ने दिग्विजय कॉलेज में आंदोलन जारी रखा है। बता दें कि कोविड 19 महामारी के चलते कॉलेज में महाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं की क्लास कई दिनों से नहीं लग रही है वहीं इस स्वशासी कॉलेज में हेमचंद यादव विवि संबद्ध 5 जिलों राजनांदगांव, दुर्ग, बेमेतरा, बालोद, कवर्धा के अमहाविद्यालयीन छात्र-छात्राओं से प्रत्येक से 430 रू. जनभागीदारी शुल्क लिये जाने के विरोध में पिछले 5 रोज से धरना, प्रदर्शन व नारेबाजी हो रही है। सौ-डेढ़ सौ छात्र-छात्रा प्रतिदिन जुट रहे हैं। बढ़ती अशांति को देखते हुए अब कॉलेज गेट भिड़ाकर सामने पुलिस का पहरा बढ़ा दिया गया है।
वहां पर गश्त कर रही पुलिस ने कहा कि 5 दिनों से आंदोलन चल रहा है। वहीं आंदोलनकारी कह रहे हैं कि जितना जनभागीदारी शुल्क एक-एक छात्र-छात्रा से लिया जा रहा है वह उनके पालक या माता-पिता की दो से अधिक दिन की कमाई होती है। वे मनरेगा की मजदूरी का उदाहरण दे रहे थे। ज्ञातव्य है कि विगत दिवस भाजपा संबंद्ध एबीवीपी ने अपना झंडा लेकर कॉलेज गेट के भीतर आंदोलन किया था और पुलिस की मौजूदगी में प्राचार्य कक्ष में चर्चा हुई थी। आज कॉलेज के बाहर आंदोलन स्थल पहुंचे कांग्रेस संबद्ध एनएसयूआई से कॉलेज के पूर्व सचिव रहे ऋषि शास्त्री जो नगर निगम में कांग्रेस पार्षद दल प्रवक्ता हैं, ने कहा कि 430 रू. शुल्क तो भाजपा शासनकाल में भी लिया जा रहा था। दो साल कोरोना काल में यह शुल्क हमारी सरकार नहीं ले रही थी। अभी भी सरकार आदेश जारी कर देती है कि जनभागीदारी शुल्क प्राईवेट विद्यार्थियों से नहीं लिया जाना है तो ली गई फीस लौटा दी जाएगी।
आंदोलन कौन कर रहा है इससे महाविद्यालय प्रशासन को कोई लेना-देना नहीं है। स्वाध्यायी विद्यार्थियों के लिए परीक्षा फार्म जमा करने की व्यवस्था की गई है। जन भागीदारी शुल्क 400 रू. व 30 रू. अग्रेषण शुल्क लिया जा रहा है। वह पहले की समिति के द्वारा तय कही गई है। अभी बढ़ाई भी नहीं गई है। शुल्क जमाकर रसीद भी दे रहे हैं। इसे अवैध नहीं कहा जा सकता। इस राशि से कॉलेज का विकास होता है। अतः विरोध करना उचित नहीं है। आंदोलन के चलते पुलिस बल की व्यवस्था की गई है वह किसी प्रकार की घटना घटित न हो इसे लेकर है।
के एल टांडेकर
प्राचार्य दिग्विजय कॉलेज