धार। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर धार के पुलिस अधीक्षक मनोज कुमार सिंह को नसीहत दे डाली. उन्होंने एक वीडियो पोस्ट कर किया है. जिसमें मनोज कुमार सिंह ग्रामीणों को शपथ दिलाते दिख रहे हैं. दिग्विजय ने कहा कि मप्र में कुछ शासकीय अधिकारी भाजपा के कार्यकर्ताओं की तरह कार्य कर रहे हैं. हमारी उन सभी पर नज़र है. वे कृपया हमारे भारतीय संविधान के अंतर्गत नियम क़ानून के अनुसार ही कार्य करें. वे भारतीय सेवा के अधिकारी हैं. भारतीय जनता पार्टी सेवा के अधिकारी नहीं हैं.
दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ये संविधान की शपथ लेकर सरकारी यूनिफॉर्म पहने धार के एसपी मनोज कुमार सिंह हैं. बगल में नारंगी कुर्ता पहने भाजपा के प्रदेश मंत्री जयदीप पटेल हैं. धार के पास कुक्षी विधानसभा के डही इलाक़े में ग्रामीणों को शपथ दिला रहे हैं कि पुलिस पर भरोसा करें. लेकिन कुक्षी विधानसभा सभा के जनता द्वारा निर्वाचित विधायक को एसपी साहब आपने सूचित करने की आवश्यकता महसूस नहीं की.
एसपी साहब आप पर संविधान के अंतर्गत नियमों के अनुसार कार्य करने का दायित्व है. लेकिन आपके साथ भाजपा के पदाधिकारी दौरा कर रहे हैं. क्या यह उचित है ? क्या यह आपकी निष्पक्षता दर्शाता है? क्या शासकीय अधिकारी को इस प्रकार का पक्षपात करना संविधान के अनुसार है? आप जब अलीराजपुर एसपी थे तब जोबट उप चुनाव में क्या आपने निष्पक्षता से कार्य किया था? कुछ उदाहरण मेरे पास हैं. किस प्रकार आपने चुन चुन कर कॉंग्रेस कार्यकर्ताओं पर झूठे प्रकरण बनाए थे.
आपकी ज़िम्मेदारी है कि बिना भेदभाव किए सबको मुकम्मल सुरक्षा का भरोसा जगाएँ. आपकी ज़िम्मेदारी है कि बेटियों को बाहर निकलकर पढ़ने लायक सुरक्षित माहौल बनाएँ. आपकी ज़िम्मेदारी है कि अपराधियों पर नज़र रखें और क़ानूनी कार्रवाई करें. आपकी ज़िम्मेदारी है कि नियमों के पालन के नाम पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं पर द्वेषपूर्ण कार्रवाई न करें. आपकी ज़िम्मेदारी है कि ड्यूटी में रहते हुए बीजेपी नेताओं की चाकरी में न घूमें. आपकी ज़िम्मेदारी है कि जनता को मिलनेवाली मूलभूत सुविधाओं की अनियमितता पर नज़र रखें.
आपकी ज़िम्मेदारी है कि संविधान के मूल्यों का पालन करते हुए जनता का हक़ उन्हें दिलाएँ. क्या आपकी ज़िम्मेदारी नहीं है कि आप इस शपथ ग्रहण की सूचना जनता द्वारा निर्वाचित आदिवासी विधायक सुरेंद्र सिंह बघेल को भी सूचित करते ? आपने निष्पक्षता से काम करने की शपथ ली है. कृपया आप आत्मचिंतन करें क्या आप भाजपा के एजेंट के रूप में काम नहीं कर रहे ? क्या संविधान व नियमों के विपरीत कार्य करना “राम राज्य” है ? क्या होने वाले विधान सभा चुनाव में आपकी निष्पक्षता पर हम भरोसा करें ? सोचना पड़ेगा.