विनियोग विधेयक पर चर्चा, भूपेश बघेल ने कहा- लोग आज चिंतित हैं कि इस प्रदेश का क्या होगा?

रायपुर। विधानसभा में गुरुवार को विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान एक तरफ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अलग-अलग मुद्दों पर सरकार के खिलाफ तीखा हमला किया, तो वहीं दूसरी ओर भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने मोर्चा संभालते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि अब छत्तीसगढ़ में किसी भी आदमी को नग्न प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा.

विनियोग विधेयक पर चर्चा के दौरान भाजपा के फायरब्रांड विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ की जीडीपी राष्ट्रीय औसत से भी बेहतर है. जीएसडीपी को दोगुना करने का सरकार का लक्ष्य है. पिछली सरकार पांच साल में बेरोजगारी की परिभाषा तय नहीं कर पाई थी. प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 62 हज़ार रुपए हुई है. राजस्व वृद्धि 13.8 फीसदी अनुमानित है, जो पिछली सरकार की तुलना में ज्यादा है. 2023-24 में सकल घरेलू उत्पाद में 9.7 फीसदी की वृद्धि हुई है.

उन्होंने कहा कि जनसंख्या घनत्व के आधार पर शिक्षा, स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में ज्यादा ध्यान दिए जाने की जरूरत है. सामाजिक सुरक्षा, पेंशन पर ध्यान दिया जाना है. विभागों में बजट में वृद्धि की गई है. बजट प्रबंधन में छत्तीसगढ़ को दिल्ली से 4 हज़ार 400 करोड़ रुपए का इंसेंटिव दिया गया है. 5.62 लाख भूमिहीन लोगों को दस हज़ार रुपए वार्षिक की राशि दी जाएगी. पहली किस्त दे दी गई है.

नई औद्योगिक नीति का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि इसमें पर्यटन को उद्योग का दर्जा दिया गया है. यह सेक्टर दुनिया का सबसे तेजी से बढ़ता क्षेत्र है. कुपोषण की दर घटाने में पिछली सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया. बस्तर ओलंपिक का जिक्र प्रधानमंत्री ने अपने मन की बात में किया था. अब बस्तर में बस्तर पंडुम का आयोजन किया जा रहा है.

मार्च 26 में नक्सलवाद को खत्म करने का लक्ष्य है. एक साल में तीन सौ नक्सली मारे गए. एक हज़ार नक्सलियों ने सरेंडर किया. राज्य बनने के बाद जब गीदम में नक्सली हमला हुआ तब थाने को लूटकर नारा लगाया गया था ‘अजीत जोगी जिंदाबाद’. अब कांग्रेस बताए कि नक्सलियों से क्या रिश्ता है?

पीएससी घोटाले का जिक्र करते हुए अजय चंद्राकर ने कहा कि टामन सोनवानी के साला-साली का नाम भी पीएससी घोटाले में आ गया. सोनवानी के दोस्तों का भी नाम आ गया. टामन सोनवानी के खिलाफ सचिव स्तरीय जांच थी जिसे खत्म किया गया. यह आरोप है. बाद में उसने राज्य के सैकड़ों युवाओं का सपना तोड़ा गया. ऐसे लोग अब कह रहे हैं कि बजट क्यों दिया जाए.

नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरण दास महंत ने बयान दिया कि अगला चुनाव टी इस सिंहदेव के नेतृत्व में चुनाव लड़ा जाएगा. न जाने कौन सी दहशत में आ गए कि अगले दिन अपना बयान बदल दिया. दरअसल, कांग्रेस हार से उबर नहीं पाई है. ये बजट तक पहुँचे ही नहीं हैं. मेरा दल, मेरे नेता बेसब्री से इतंजार कर रहे हैं कि भारतमाला प्रोजेक्ट में वह कोर्ट कब जाएँगे?

नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत ने इस पर कहा कि हम कोर्ट भी जाएँगे. प्रधानमंत्री को भी चिट्ठी लिखेंगे. अब तक मैंने ये नहीं कहा है कि आपके परिवार का नाम भी आ रहा है. इस पर अजय चंद्राकर ने कहा कि अब कानून का राज इस प्रदेश में चलेगा. किसी व्यक्ति की स्वेच्छाचारिता नहीं चलेगी.

उन्होंने कहा कि वक्फ बोर्ड का बयान आया है कि उसकी जमीन पर अवैध कब्जा है. मैं उनका नाम जानता हूं, तो भूपेश बघेल भी जानते होंगे. 2019 से 2022 तक 519 किसानों ने आत्महत्या की थी. उनके ही क्षेत्र पाटन में एक किसान परिवार में पांच लोगों ने आत्महत्या कर लिया था. पिछली सरकार में कृषि भूमि का रकबा घट गया. सिंचाई क्षमता में कमी आई. किसान मरते रहे आप लोग क्या करते रहे. शिशु मृत्यु दर, मातृ मृत्यु दर में बढ़ोतरी हो गई.

अजय चंद्राकर ने कहा कि छत्तीसगढ़ में किसी आदमी को अब नग्न प्रदर्शन नहीं करना पड़ेगा. लोगों का जीवन सुगम नहीं था. अब ये बजट लोगों के जीवन को सुगम करेगा, इसलिए ही सरकार सुशासन एवं अभिसरण नाम का 58 वाँ विभाग बनाया गया है. हम बजट लेंगे, क्योंकि जनता का जनादेश हमारे पास है. नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी योजना शुरू की गई थी, लेकिन एक रुपए भी बजट का प्रावधान नहीं किया गया था. केंद्रीय फण्ड से एक हज़ार करोड़ रुपए डायवर्ट किए गए थे.

उन्होंने कहा कि आर्थिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट कहती है कि पिछली सरकार में बिजली उत्पादन में कमी आई थी. बोधघाट परियोजना को लेकर कहा गया था कि हम बनायेंगे. हम कहते थे, नहीं बन सकती. उसका क्या हुआ? बलौदाबाजार में किस समाज का कार्यक्रम था. मंच पर किन लोगों को जाना चाहिए था. किसने फंडिंग की थी? अब जेल के भीतर गए हैं तो निर्दोष कहा जा रहा है. अपराधियों के साथ राजनीति करना छत्तीसगढ़ की फितरत नहीं रही है. जो लोग प्रशासन में काम करते थे, और जेल में हैं, देश की सर्वोच्च अदालत भी उन्हें बाहर आने नहीं दे रही है.

इसके पहले पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भाजपा सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि पिछले बजट में ही 50 फीसदी से भी कम खर्च किया गया है. आपको बजट क्यों चाहिए? इस साल बजट का आकार बस बढ़ गया है. इस बजट पर न मंत्रियों को विश्वास है और न ही अधिकारियों को. क्यूंकि ये बजट सिर्फ आकार बढ़ाने वाला है. खर्च तो होगा नहीं. कई योजनाओं को बंद कर दिया गया है. सरकार को आख़िर बजट क्यों दिया जाए. जब कुछ करना नहीं है.

उन्होंने कहा कि कचरू साहू के मामले में कह दिया गया कि आत्महत्या नहीं है. जबलपुर हाईकोर्ट के निर्देश पर दोबारा पोस्टमार्टम हुई तब स्पष्ट हुआ कि हत्या है. दोषी एसपी पर क्या कार्रवाई हुई? देश के इतिहास में पहली बार कलेक्ट्रेट-एसपी कार्यालय जला दिया गया. कलेक्ट्रेट जलने के बाद दो दिनों तक मलबा हटाने वाले मजदूर की ही गिरफ्तारी कर दी गई. ये कहते हुए कि उसका मोबाइल लोकेशन घटना स्थल पर मिल रहा है. जब कलेक्ट्रेट-एसपी कार्यालय जला दिया जा रहा है तो फिर सरकार को किस बात के लिए पैसा दिया जाए.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि शहरी क्षेत्रों में विकास का एक काम भी नहीं हुआ है. विधायक तरस गए हैं कि उनके इलाक़ों में कम से कम एक ईट तो रख दी जाए. मुख्यमंत्री के शपथ लेने के पहले ही जंगल काटना शुरू हो गया. ये कौन सी अदृश्य शक्ति है. कोयले को लेकर हम पर 25 रुपए लेने का आरोप लगाया. सरकार में आ गए हैं. एक व्यक्ति के ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं हुई. अब बाजार में चर्चा है कि 50 रुपए लिया जा रहा है.

भूपेश बघेल ने कहा कि आज पूरे प्रदेश में लोग चिंतित है कि इस प्रदेश का क्या होगा? बड़े बड़े विद्वान यहाँ बैठते थे. इस बात की चिंता करते थे कि प्रदेश का क्या होगा? प्रधानमंत्री आ रहे हैं. सीपत में पॉवर प्लांट का शिलान्यास करने वाले हैं. राज्य में बीस हज़ार मेगावाट के प्लांट शुरू होने वाले हैं. सिर्फ एससीईएल का कोयला काफ़ी नहीं होगा. नए खदान शुरू करने होंगे. जंगल में रहने वाले आदिवासी बेदख़ल होंगे.

उन्होंने कहा कि इतने पॉवर प्लांट लगेंगे तो यहाँ की भूमिगत जल की स्थिति क्या होगी. पूरे प्रदेश का तापमान बढ़ जाएगा. पॉवर प्लांट से निकलने वाले राखड़ का डिस्पोजल नहीं हो रहा है. यहाँ में खेत पानी की स्थिति कैसी होगी? यह बंजर हो जाएगा. जंगलों के उजड़ने का सबसे ज्यादा नुक़सान किसका होगा? सिर्फ आदिवासियों का. आदिवासी मुख्यमंत्री बना दिया गया है. सिर्फ़ ये बताने में लिए कि हमने आदिवासी मुख्यमंत्री दिया है.

भूपेश बघेल ने कहा कि ये स्थिति चिंताजनक है. राज्य की प्राकृतिक संपदा हमे अपनी पीढ़ियों के लिए बचाकर रखना चाहिए. प्रदेश में जो अदृश्य शक्ति काम कर रही है. ये बेहद चिंताजनक है. मंत्री तो मंत्री अधिकारी कह रहे हैं कि दिल्ली से फ़ोन आएगा तो काम होगा. एक नंबर, दो नंबर से बात करा दो. काम हो जाएगा. राज्य के किसी मंत्री के कहने पर कोई काम नहीं होता. पिछली सरकार की योजनाओं से सरकार बाहर नहीं निकल पा रही है.

उन्होंने अपना हमला जारी रखते हुए कहा कि डबल इंजन की सरकार में स्थिति क्या है? 40 लाख मीट्रिक टन धान की बाज़ार में नीलामी की जा रही है. जब 3100 रुपए देने का फ़ैसला लिया गया है तो भारत सरकार की ज़िम्मेदारी है कि पूरा चावल ले. हमारी सरकार में वक्त नियम कुछ और था और आज नियम बदल दिया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इसी सदन में महानदी जल विवाद पर चर्चा हुई थी. महानदी जोड़ने की बात ओडिशा सरकार की आपत्ति की वजह से धरी की धरी रह गई. अब तो ओडिशा में भाजपा की सरकार है और दिल्ली में भी भाजपा की सरकार है. ऐसे में अब इस विवाद को समाप्त कर लिया जाना चाहिए. यदि नहीं कर पाए तो ये आपकी नाकाबिलियत है.

भूपेश बघेल ने कहा कि धान के मुद्दे पर हम आपसे साथ प्रधानमंत्री के पास चलेंगे. पूरा सदन चलेगा. 40 लाख मीट्रिक टन चावल बाजार में बेचने से साढ़े तीन हज़ार करोड़ रुपए का नुक़सान होगा. यदि आज आप लड़ेंगे तो आगे नतीजे आयेंगे. दलगत भावना से ऊपर उठकर हम काम करेंगे.

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