4 फरवरी तक कर सकते हैं आवेदन
राजनांदगांव। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव के अध्यक्ष व जिला सत्र न्यायाधीश विनय कुमार कश्यप के निर्देशन में प्राधिकरण द्वारा कोविड-19 से पीड़ित लोगों के लिए जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। जिसके तहत कोविड संक्रमण से अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के प्रति लोगों को जागरूक किया जा रहा है। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव श्री देवाशीष ठाकुर ने बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा गौरव कुमार बंसल विरूद्ध यूनियन ऑफ इंडिया में पारित आदेश में दिये गये दिशा-निर्देशानुसार ऐसे बच्चे जो कोरोना महामारी में अपने माता-पिता को खो चुके हैं, ऐसे बच्चों को चिन्हांकित कर उसकी सूची तैयार किये जाने संबंधी निर्देश प्राप्त हुआ है। उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय द्वारा सदस्य सचिव राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण को लोकपाल बनाया गया है एवं इस संबंध में राज्य शासन से चिन्हांकित प्रकरणों की जानकारी मांगी गई है।
जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव ने बताया कि ऐसे बच्चे जिन्होंने कोविड महामारी से अपने माता-पिता दोनों को खो दिया है, उन्हें निःशुल्क शिक्षा एवं शासन की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए चिन्हांकित किया जाएगा। ऐसे बच्चों की जानकारी 4 फरवरी तक जिला न्यायालय परिसर पर स्थित वैकल्पिक विवाद समाधान केन्द्र (एडीआर भवन), जिला विधिक सेवा प्राधिकरण राजनांदगांव न्याय सदन में दी जा सकती है। इस प्रकार के बच्चों को किशोर न्याय (बालकों की देखरेख और संरक्षण) अधिनियम, 2015 के तहत देखभाल और सुरक्षा की जाएगी। इन बच्चों को किशोर न्याय अधिनियम 2015 के धारा 31 के तहत जिले की बाल कल्याण समिति के सामने पेश करना होगा, ताकि बच्चे की देखभाल के लिए जरूरी आदेश पास किये जा सके। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा विशेष निर्देश जारी किए गए हैं।
इस अभियान के तहत पैरालीगल वालिंटियर्स द्वारा कोरोना माहामारी के खिलाफ समाज को जागरूक एवं मास्क शिष्टाचार को विकसित करने के उद्देश्य से जागरूकता शिविर का आयोजन कर लोगों को बार-बार साबुन से हाथ धोने, खांसते या छीकते समय रूमाल या मास्क का प्रयोग करें, दूसरे से बात करते समय दूरी बनाकर रखें एवं मास्क लगाने की जानकारी दी गई।