राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में मिलने वाली गऊ माताओं की पूंछ आम तौर पर 25 से 27 इंच तक होती हैं। हरियाणा और राजस्थान की गायों की पूंछ 46 से 47 इंच तक लंबी पायी जाती है। यह जानकारी देते हुए जिले की मनोहर गौशाला खैरागढ़ के संचालक पदम जैन ने आगे बताया कि उनकी गौशाला की सौम्या गऊ माता जिन्हें वे सौम्या कामधेनु भी कहते हैं की पूंछ 54 इंच तक पायी गई है। इसी विशेषता के लिये इस गऊ माता को 15 अक्टूबर दशहरा के रोज मोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान दिया गया है। इस आशय की घोषणा 40 दिन पहले ही हो चुका थी।
0- इन विशेषताओं के लिये भी विशेष पूज्य हैं गऊ माता
समाजसेवी फणेन्द्र जैन ने बताया कि विगत 7 साल से खैरागढ़ की मनोहर गौशाला में रह रहीं सौम्या कामधेनु के स्गतन के 4 निपल में से एक ही निपल में दूध आता है और वह भी चौबीसों घंटे। उनको विश्वस्तर पर यह सम्मान या पुरस्कार मिलना निश्चय ही पूरे भारत के लिये गर्व की बात है। यह गऊ माता उन 40 बछड़ों को भी दूध पिलाती है जिनके स्तन से दूध नहीं आता या न के बराबर आता है। दशहरे के दिन तक इस गौशाला से 11 हजार बोतल गौ मूत्र अर्क का निःशुल्क वितरण हो चुका है।