रायपुर। रायपुर में दिव्यांग जोड़े की प्रेम कहानी की हैप्पी एंडिंग हुई है। युवक और युवती दोनों के पैर में परेशानी है। जिसके चलते दोनों को चलने में दिक्कत है। 3 साल की दोस्ती के बाद दोनों ने शादी करने का फैसला किया था। मगर अलग-अलग जाति के होने के कारण घरवाले नहीं माने। जिसके बाद दोनों ने आर्य समाज मंदिर में शादी रचाई। यहां आर्य समाज ने भी इनकी आर्थिक मदद की है।
ये कहानी है भूपेंद्र और पदमा की। 27 साल के भूपेंद्र की मुलाकात एक NGO के कार्यक्रम में पदमा से हुई थी। शुरुआत में दोनों के बीच बातचीत हुई। फिर दोस्ती हो गई। एक-दूसरे को समझते जानते दोनों की दोस्ती प्यार में बदल गई। उन्होंने शादी के बंधन में बंधने का फैसला लिया। जब घर वालों ने इनका साथ नहीं दिया तो इनके दोस्तों ने मदद की।
भूपेंद्र डायरेक्टरेट सोशल वेलफेयर में काम करता है तो वहीं पदमा घर पर ही रहती है। बैजनाथ पारा के आर्य समाज मंदिर में अक्षय तृतीया के दिन 11 जोड़ों की शादी हुई। प्रदेश के अलग-अलग जिलों से आए हुए युवक-युवतियों शादी के बंधन में बंधे। उन्होंने अग्नि को साक्षी मानकर सात फेरे लिए। फिर माला पहनाकर वे एक-दूजे के हो गए। धमतरी राजिम,महासमुंद जिलों से कई जोड़ों के परिजन भी साथ आए हुए थे।