घर की इस दिशा में भूलकर भी न रखें कुबेर की प्रतिमा, होता है नुकसान …

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की हर दिशा का अलग महत्व होता है. हर दिशा के अपने कुछ नियम और विशेषताएं बताई गई है. वहीं घर की उत्तर दिशा को कुबेर देवता का स्थान माना जाता है और इस दिशा को पॉजिटिव एनर्जी का भंडार कहा जाता है. इस दिशा को पूजा-पाठ के लिए सबसे शुभ माना जाता है. वहीं अगर आप नया घर बनाने की सोच रहे हैं, दूसरी तरफ किराए के घर में शिफ्ट होने जा रहे हैं और पूजा का स्थान बनाने के लिए उत्तर दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है. आज हम आपको बताएंगे कि कुबेर देव की प्रतिमा घर में किस दिशा में रखना अशुभ माना जाता है.

दक्षिण दिशा में न रखें कुबेर देवता की प्रतिम

दक्षिण दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा नहीं रखनी चाहिए. इस दिशा में यम और पितरों का वास होता है. इसलिए इस दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा न रखें. इससे धन हानि हो सकता है और व्यक्ति को अशुभ फलों की प्राप्ति हो सकती है. अगर आप किसी कारण से दक्षिण दिशा कुबेर देव की प्रतिमा रख रहे हैं, तो उस स्थान की पूजा विधिवत करें. इससे आपको अशुभ परिणाम का सामना नहीं करना पड़ेगा.

पश्चिम दिशा में न रखें कुबेर देवता की प्रतिमा

पश्चिम दिशा में शनिदेव का वास होता है. इसलिए इस दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा नहीं रखना चाहिए. शनिदेव बेहद क्रूर देवता माने जाते हैं. उन्हें क्रोध बहुत जल्दी आता है. इसलिए अगर आप इस दिशा में कुबेर देव की प्रतिमा रखते हैं, तो तुरंत हटा दें. इससे आपके जीवन में आ रही परेशानियां दूर हो सकती हैं.

उत्तर-पश्चिम दिशा में न रखें कुबेर देवता की प्रतिमा

घर की उत्तर-पश्चिम दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा नहीं रखना चाहिए. इससे व्यक्ति को कार्य में अचानक हानि हो सकता है और अशुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है.

दक्षिण-पश्चिम दिशा में न रखें कुबेर देवता की प्रतिमा

दक्षिण-पश्चिम दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा नहीं रखना चाहिए. इससे माता लक्ष्मी का घर में आगमन नहीं होता है और धन स्थायी भी नहीं रहता है. इससे व्यक्ति को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ जाता है. इसलिए अगर आप दक्षिण-पश्चिम दिशा में कुबेर देवता की प्रतिमा रखने की सोच रहे हैं, तो तुरंत हटा दें और घर की उत्तर दिशा में ही रखें. इससे शुभ परिणाम की प्राप्ति हो सकती है.

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