Sawan Chautha Somvar Rudrabhishek: शिव भक्तों के लिए सावन का महीना बेहद खास माना जाता है। इस महीने में देश भर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिलता है। जहां एक तरफ सनातन धर्म में इस महीने को बेहद पवित्र माना जाता है। वहीं दूसरी तरफ भगवान शिव को इस महीने में प्रसन्न करने के लिए लोग पूजा आराधना करते हैं। ऐसे में अब सावन का चौथा सोमवार कल हैं। अगर आप इस सोमवार पर भगवान शिव का रुद्रभिशेक करने जा रहे हैं, तो आप सबसे पहले रुद्रभिशेक के सही समय के बारे में जान लीजिए। अगर पूरे मन से भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाए तो जीवन में आने वाले सभी परेशानियों से छुटकारा मिल जाता है।
पंचांग के मुताबिक सावन के चौथे सोमवार के दिन, सप्तमी तिथि का निर्माण हो रहा है, जो सुबह 7: 55 तक रहेगा। साथ ही इस विशेष दिन पर स्वाति नक्षत्र का भी निर्माण हो रहा है,जो सुबह8बजकर 33 मिनट तक रहेगा और इसके बाद विशाखा नक्षत्र शुरू हो जाएगा। सावन सोमवार व्रत के दिन शुक्ल योग और ब्रह्मा योग का भी निर्माण हो रहा है। इन युगों में रूद्राभिषेक करना बहुत उत्तम माना जाता है।
ऐसे करें रुद्राभिषेक
भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लिए सबसे पहले गणेशजी की विधि-विधान से पूजा करें।
इसके बाद रुद्राभिषेक करने का संकल्प लें. फिर पूजा आरंभ करें।
शिव-गौरी के साथ नौ ग्रहों का स्मरण करके रुद्राभिषेक का उद्देश्य बताएं।
रुद्राभिषेक की प्रक्रिया शुरू करें और उत्तर दिशा में शिवलिंग स्थापित करें।
रुद्राभिषेक के लिए पूर्व दिशा में बैठ जाएं और मिट्टी से शिवलिंग बनाकर उसपर जलाभिषेक करें।
शिवलिंग को गंगाजल से स्नान करवाएं और फिर रुद्राभिषेक में इस्तेमाल होने वाली चीजे शिवजी को चढ़ाएं।
अंत में शिवजी को प्रसाद अर्पित करें. पूजा में इस्तेमाल किए गए जल और अन्य द्रव्यों को परिवार के सदस्यों पर छिड़कें।