क्या वॉक के दौरान आप भी तो नहीं करते ये गलतियां? फायदे की जगह शरीर को हो जाता नुकसान

 

Walk ke Niyam: भागदौड़ भरे माहौल में आजकल लोग फिट रहने के लिए कई तरीके अपनाने लगे हैं. कई लोग जिम ज्वॉइन करते हैं तो कई लो जॉगिंग या वॉक करके खुद को फिट रखने की कोशिश करते हैं. अगर आप वॉक करने के शौकीन हैं तो कुछ नियमों को जरूर जान लें. ऐसा न करने पर आपके शरीर को फायदे के बजाय नुकसान हो सकता है, जिसका खामियाजा आपको भुगतना पडे़गा. आइए जानते हैं कि वॉक (Walk) से जुड़े वे नियम क्या हैं.

बिना किसी तनाव के शुरू करें वॉक

वॉक (Walk) का सबसे पहला नियम तो यही है कि आप किसी भी प्रकार का तनाव न लें. वॉक शुरू करते समय आप सकारात्मक बातों को सोचें और अपने मोबाइल फोन व ईयर फोन को बंद करके रख लें. आप एक ही स्पीड में वॉक करें और चलते-चलते आने वाले वक्त की प्लानिंग भी कर सकते हैं.

वॉक के लिए तय कर लें समय

फिटनेस के लिहाज से देखा जाए तो रोजाना करीब 45 मिनट तक की वॉक (Walk) अच्छी मानी जाती है. यह वॉक भी एक बार में न होकर 2-3 किश्तों में होनी चाहिए. लेकिन आप अपने शरीर की क्षमता और समय की उपलब्धता को देखते हुए वॉक का उपयुक्त वक्त तय कर सकते हैं. इसके बाद आप तय किए वक्त के अनुसार वॉक करना शुरू कर दें. कुछ ही दिनों में आपकी फिटनेस दिखाई देने लगेगी.

स्पोर्ट शूज पहनकर करें सैर

जब भी आप वॉक (Walk) शुरू करें तो नंगे पैर या चप्पल में न हों. इसके बजाय अच्छी क्वालिटी वाले स्पोर्ट्स शूज पहनकर वॉक करें. असल में चप्पल या सैंडल में वॉक करने पर आपकी एड़ी ठुक सकती है या पंजों में दर्द हो सकता है. जबकि स्पोर्ट्स शूज में स्पंज काफी अच्छा होता है, जो आपको इन दोनों दिक्कतों से बचाता है. इसलिए जूते पहनकर वॉक करना समझदारी माना जाता है.

पैरों के साथ दोनों हाथ चलाना भी जरूरी

वॉक (Walk) करने का एक अहम नियम ये है कि आप पैरों के साथ ही दोनों हाथों को भी हिलाते हुए चलें. ऐसा करने से शरीर को बैलेंस बनाने में मदद मिलती है, साथ ही आपका स्टैमिना भी बढ़ता है. हेल्थ एक्सपर्टों के मुताबिक भूलकर भी कभी हाथ बांधकर वॉक नहीं करनी चाहिए. ऐसा करने से कंधों और जोड़ों के दर्द का सामना करना पड़ता है.

वॉक के वक्त कमर को रखें एकदम सीधा

अगर आप फिटनेस फ्रीक हैं तो वॉक (Walk) करते समय अपनी पीठ को एकदम सीधा रखें. ऐसा न करने पर पीठ दर्द की दिक्कत बढ़ जाती है. कमर सीधी रहने से रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है और फेफड़ों में ऑक्सीजन भी उचित मात्रा में पहुंचती है. गलत पॉश्चर में वॉक करने से वह वॉक फिटनेस के बजाय बीमारी का सबब बन जाती है.

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