‘जवाब देने की गलती मत करना,’ एयरस्ट्राइक पर अमेरिकी सांसद की पाकिस्तान को नसीहत, कहा- आतंकवाद के मुद्दे पर भारत के साथ

भारत के ऑपरेशन सिंदूर(Opration Sindoor) ने पाकिस्तान में आतंकियों के खिलाफ हलचल पैदा कर दी है, जिसके चलते पाकिस्तान ने प्रतिशोध की धमकी दी है. इस संदर्भ में, अमेरिका के एक सांसद ने पाकिस्तान को चेतावनी दी है कि उसे ऐसी सोच से दूर रहना चाहिए. अमेरिकी डेमोक्रेटिक सांसद रो खन्ना (ro khanna)ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल असीम मुनीर को ‘तानाशाह’ की उपाधि दी और कहा कि पाकिस्तान को भारत की संभावित प्रतिक्रिया पर कोई भी प्रतिकूल कदम उठाने से बचना चाहिए.

भारत ने आतंकियों के खिलाफ जवाबी कार्रवाई की- रो खन्ना

भारत ने 6-7 मई की रात को पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (POK) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर मिसाइल हमले किए, जिसे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ का नाम दिया गया है. CNN के साथ बातचीत में रो खन्ना ने कहा कि दोनों देशों के पास परमाणु हथियार हैं, इसलिए इस समय तनाव को कम करना अत्यंत आवश्यक है. पहलगाम में हुए एक आतंकवादी हमले में निर्दोष नागरिकों की जान गई, जिसके बाद भारत ने एक प्रभावी जवाबी कार्रवाई की, जिससे कुछ आतंकवादी नेटवर्कों का सफाया करने में मदद मिली. वर्तमान में, स्थिति को शांत करना सबसे महत्वपूर्ण है.

उन्होंने कहा कि अमेरिका को भारत और पाकिस्तान के बीच की गंभीर स्थिति को समझने और इसे कूटनीतिक तरीके से सुलझाने में सहायता करनी चाहिए. सांसद ने यह भी उल्लेख किया कि अंग्रेजों ने विभाजन और हिंदू-मुस्लिम के बीच धार्मिक विभाजनों को बढ़ावा दिया था. हमें इस क्षेत्र की जटिलताओं को ध्यान में रखते हुए एक ईमानदार मध्यस्थ की भूमिका निभानी चाहिए.

मुनीर पर सीधा हमला, इमरान खान की रिहाई की मांग

रो खन्ना ने पाकिस्तान के आर्मी चीफ असीम मुनीर को तानाशाह करार देते हुए कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र लगभग समाप्त हो चुका है. उन्होंने आरोप लगाया कि असीम मुनीर ने वैध चुनावों की अनुमति नहीं दी और इमरान खान को जेल में डाल दिया है, जिससे वहां ईमानदार आवाजें खत्म हो गई हैं. खन्ना ने अमेरिका से अपील की कि वह पाकिस्तान पर दबाव बनाए, यह कहते हुए कि पाकिस्तान IMF के कर्ज पर निर्भर है. उन्होंने सुझाव दिया कि अमेरिका को यह मांग करनी चाहिए कि इमरान खान को रिहा किया जाए, कोई भी जवाबी हमला न किया जाए और निष्पक्ष चुनाव कराए जाएं.

न्याय के लिए भारत सरकार के प्रयासों का समर्थन करते हैं

यह पहली बार नहीं है जब किसी अमेरिकी सांसद ने भारत का समर्थन किया है. इससे पहले, अमेरिकी सीनेट की विदेश संबंध समिति के अध्यक्ष सीनेटर जिम रिश ने पहलगाम के हमलावरों को न्याय दिलाने के लिए भारत के प्रयासों का समर्थन किया था. हालांकि, उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता भी व्यक्त की. रिश ने हाल ही में एक पोस्ट में कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच का बढ़ता तनाव चिंताजनक है. उन्होंने भारत सरकार के न्याय के प्रयासों का समर्थन करते हुए दोनों पक्षों के नागरिकों से सावधानी और सम्मान बरतने की अपील की.

एक अन्य सांसद श्री थानेदार ने भारत के प्रति अपनी मजबूत प्रतिबद्धता व्यक्त करते हुए कहा कि देश को अपने नागरिकों की सुरक्षा का अधिकार है. उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ सहयोगी देशों के प्रयासों का समर्थन करते हुए कहा कि आतंकवाद को सहन नहीं किया जा सकता और इसका उचित उत्तर देना आवश्यक है. थानेदार ने यह भी कहा कि अमेरिका को आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोगियों के साथ हमेशा खड़ा रहना चाहिए, ताकि साझा खतरों का सामना किया जा सके, निर्दोष लोगों की जान बचाई जा सके, और लोकतंत्र, मानवाधिकारों तथा धार्मिक स्वतंत्रता के सिद्धांतों की रक्षा की जा सके.

भारत ने पाकिस्तान में घुसकर मारा

भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के 15 दिन बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में बहावलपुर स्थित जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के ठिकाने को निशाना बनाया. यह ठिकाना भारतीय सीमा से 100 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर स्थित है. इस हमले में 26 लोगों की जान गई थी.

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