दोहरे हत्याकांड का खुलासा : एक लाख की सुपारी देकर पुरानी रंजिश में की गई दो युवकों की हत्या, 3 आरोपी गिरफ्तार

राजनांदगांव। हाल ही में छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले में हुई दोहरे हत्याकांड का पुलिस ने चौंकाने वाला खुलासा किया है। दो युवकों की निर्मम हत्या 10 साल पुरानी रंजिश में की गई थी। मुख्य आरोपी ने एक लाख रुपये की सुपारी देकर अपने साथियों की मदद से दोनों हत्याओं को अंजाम दिया और पुलिस को गुमराह करने के लिए दोनों के शवों को अलग-अलग जगहों पर फेंक दिया। लेकिन पुलिस जांच में आरोपियों की तमाम चालाकियां धरी की धरी रही गई और हत्याकांड के तीनों आरोपियों को दबोच लिया गया। इसके साथ ही घटना में प्रयुक्त वाहन समेत कई अहम साक्ष्य जब्त किए गए हैं।

ऐसे मामला आया था सामने

केस – 1

6 जून को बोरतलाव थाना क्षेत्र के ग्राम बागरेकसा के जंगल रास्ते में एक अज्ञात युवक का शव मिलने की सूचना पर पुलिस ने मौके पर पहुंच कर जांच शुरू की। मृतक की पहचान सूरज सेन (23 वर्ष), निवासी सहसपुर दल्ली, थाना ठेलकाडीह, जिला खैरागढ़ के रूप में हुई। पीएम रिपोर्ट में सिर पर भारी वस्तु से वार कर हत्या की पुष्टि हुई। मामले में थाना बोरतलाव में अज्ञात आरोपियों के विरुद्ध धारा 103(1) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

केस – 2

विवेचना के दौरान ही 08 जून 2025 को बागनदी थाना क्षेत्र के ग्राम सीतागोटा-बोईरटोला मार्ग के पुल के नीचे एक अज्ञात शव मिलने की सूचना पर दूसरा मामला दर्ज किया गया। शव की पहचान आलोक उर्फ मिंटू वर्मा (31 वर्ष), निवासी सहसपुर दल्ली, जिला खैरागढ़ के रूप में हुई। पीएम रिपोर्ट के अनुसार, उसकी भी हत्या भारी वस्तु से वार कर की गई थी। इस मामले में धारा 103(1), 238 बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया।

आरोपियों ने ऐसे दिया था दोहरे हत्याकांड को अंजाम

दोनों ही मामले में पुलिस जांच में जुटी हुई थी। इस दौरान पता चला कि दोनों मृतक आपस में परिचित थे और दोनों हत्याएं एक ही साजिश के तहत की गई थीं। तकनीकी साक्ष्य और घटनास्थलों से मिले सुरागों के आधार पर तीन आरोपियों खिलावन वर्मा, अजहर खान उर्फ विक्की और इकबाल खान, सभी निवासी डोंगरगढ़ को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई।

आरोपी खिलावन वर्मा ने पुलिस को बताया कि मृतक आलोक वर्मा ने वर्ष 2016 में उसके 9 वर्षीय भतीजे की हत्या की थी। जेल से छूटने के बाद आलोक द्वारा बार-बार उकसाने पर खिलावन ने बदला लेने की ठानी। उसने अपने साथियों अजहर और इकबाल को हत्या के लिए एक लाख रुपये की सुपारी दी, जिसमें बीस हजार रुपये एडवांस में दिए गए।

पूछताछ में आरोपी खिलावन वर्मा ने बताया कि मृतक आलोक वर्मा उर्फ मिंटू ने वर्ष 2016 में उसके 9 वर्षीय भतीजे जितेन्द्र वर्मा की धारदार हथियार से हत्या कर दी थी। इस हत्या के मामले में आलोक वर्मा को जेल की सजा हुई थी, और वह दो साल पहले जेल से रिहा हुआ था। जेल से छूटने के बाद वह अपनी पैतृक जमीन बेचकर ग्राम सहसपुर दल्ली में रहने लगा था।

आरोपी खिलावन ने बताया कि आलोक अक्सर डोंगरगढ़ की ओर घूमने आता था और उसे देखकर चिढ़ाने जैसा व्यवहार करता था, जिससे उसे गहरा मानसिक आघात पहुंचता था। इसी रंजिश के चलते उसके मन में बदला लेने की भावना पैदा हुई और करीब एक माह पूर्व उसने अपने साथियों अजहर और इकबाल के साथ मिलकर आलोक की हत्या की योजना बनाई।

खिलावन ने हत्या की सुपारी के रूप में अजहर और इकबाल को एक लाख रुपये देने की बात कही, जिसमें से बीस हजार रुपये उन्हें एडवांस दे दिए गए। योजना के अनुसार, 5 जून को खिलावन अपनी महेन्द्रा KUV (CG-04-NB-2703) कार से अजहर और इकबाल के साथ सहसपुर दल्ली गया। वहां किसी बहाने से आलोक को बुलाया गया, जो अपने साथी सूरज सेन के साथ वहां पहुंचा।

आरोपियों ने दोनों को कार में बैठाकर खैरागढ़ की ओर ले जाते हुए शराब खरीदी और कार में ही शराब पिलाई। इसके बाद तीनों आरोपियों ने मिलकर लोहे की रॉड से आलोक और सूरज पर हमला किया। आलोक की मौके पर ही मौत हो गई जबकि सूरज गंभीर रूप से घायल हो गया। दोनों के मोबाइल बंद कर दिए गए और उन्हें रास्ते में फेंक दिया गया।

बाद में आलोक का शव सीतागोटा-बोईरटोला मार्ग के पुल के नीचे छिपाया गया, जहां फिर पत्थर से वार कर उसे और क्षतिग्रस्त किया गया। रात में घायल सूरज सेन को लेकर आरोपी बागरेकसा होते हुए चटरा जंगल मैन रोड पहुंचे, जहां उसे कार से उतारकर लोहे की रॉड और हाथ में पहने चूड़े से बुरी तरह मारा गया। अंततः उसे सिर के बल पक्की सड़क पर पटककर पत्थर से चेहरा कुचलकर हत्या कर दी गई।

घटना के बाद तीनों आरोपियों ने खून से सने अपने कपड़े भेजराटोला तालाब के पास जला दिए और तालाब में नहाकर लोहे की रॉड और चूड़ा वहीं फेंक दिया। साथ ही कार की खून लगी सीट कवर को भी जलाया गया। घटना के अगले दिन यानी 6 जून की सुबह लगभग 5 बजे, आरोपी खिलावन ने अजहर और इकबाल को कुछ पैसे देकर ट्रेन से अजमेर (राजस्थान) भेज दिया। दोनों वहां से लौटकर डोंगरगढ़ में छिप रहे थे, जिन्हें पुलिस ने घेराबंदी कर गिरफ्तार कर लिया।

 

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