छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर और देश राजधानी दिल्ली में कांग्रेस के नेता विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, क्योंकि प्रवर्तन निदेशालय ने राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाया है। मामला नेशनल हेराल्ड केस से जुड़ा हुआ है। रायपुर और दिल्ली में हुए कांग्रेसियों के विरोध प्रदर्शन पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने तंज कसा है।
डॉ रमन सिंह ने कहा कि आश्चर्य होता है गुजरात के मुख्यमंत्री रहने के दौरान नरेंद्र मोदी को भी ईडी ने तलब किया था। तब 9 घंटे तक पूछताछ हुई थी, तब कांग्रेसियों की तरह मेला- ठेला और भीड़भाड़ लेकर कोई प्रदर्शन नहीं किया गया। जब बल्कि 9 घंटे तक पूछताछ के बाद नरेंद्र मोदी ने विधि के अफसरों के पूछा था कि और कोई प्रश्न बाकी है क्या तब ED के अफसरों ने जवाब दिया था नहीं।
नरेंद्र मोदी का उदाहरण देते हुए डॉ रमन ने कहा कि एक आदमी 9 घंटे तक बिना पानी पिए फाइट दे सकता है, वो तो दो बार पेश हुए मगर इस तरह की विरोध प्रदर्शन या हंगामा नहीं किया गया। कांग्रेसी पूरे देश में विरोध प्रदर्शन और आंदोलन की बात कर रहे हैं यह तो साफ जाहिर होता है चोर मचाए शोर…। प्रदेश के कांग्रेस नेता भी दिल्ली गए हैं उन्हें देखना चाहिए कि छत्तीसगढ़ में क्या हाल बना रखा है उन्होंने।छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी दिल्ली में प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर का घेराव करने के विरोध प्रदर्शन में शामिल है। उन्हें हिरासत में लिया गया है। रायपुर में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मोहन मरकाम भी पंडरी पचपेड़ी नाका स्थित ईडी के दफ्तर के बाहर घेराव करने पहुंचे हैं जहां कांग्रेसियों ने जबरदस्त हंगामा किया।20 नवंबर 1937 को एसोसिएटेड जर्नल लिमिटेड यानी AJL का गठन किया था। इसका उद्देश्य अलग-अलग भाषाओं में समाचार पत्रों को प्रकाशित करना था। AJL के गठन में पं. जवाहर लाल नेहरू की भूमिका थी। साल 2008 तक AJL पर 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का कर्ज चढ़ गया। घाटा होने पर इसकी होल्डिंग यंग इंडिया लिमिटेड यानी YIL को ट्रांसफर कर दी गई। इसमें तत्कालीन कांग्रेस पार्टी के महासचिव राहुल गांधी डायरेक्टर के रूप में शामिल हुए।
कंपनी में 76 प्रतिशत हिस्सेदारी राहुल गांधी और उनकी मां सोनिया गांधी के पास रखी गई। शेष 24 फीसदी कांग्रेस नेताओं मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नांडीस (दोनों का निधन हो चुका है) के पास थी। इसके बाद AJL के शेयर होल्डर्स सामने आ गए। विवाद था कि पुराने शेयर होल्डर्स को नोटिस नहीं दिया गया था।
2012 में भाजपा के नेता और देश के नामी वकील सुब्रमण्यम स्वामी ने नेशनल हेराल्ड मामले में सोनिया गांधी, राहुल गांधी, मोतीलाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडीस, पत्रकार सुमन दुबे और टेक्नोक्रेट सैम पित्रोदा के खिलाफ मामला दर्ज कराया। तब केंद्र में कांग्रेस नेतृत्व वाली यूपीए की सरकार थी। सुब्रमण्यम स्वामी ने दावा किया कि YIL ने 2,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति और लाभ हासिल करने के लिए “गलत” तरीके से निष्क्रिय प्रिंट मीडिया आउटलेट की संपत्ति को “अधिग्रहित” किया।स्वमी के आरोप के मुताबिक YIL ने 90.25 करोड़ रुपये की वसूली के अधिकार हासिल करने के लिए सिर्फ 50 लाख रुपये का भुगतान किया था, जो AJL पर कांग्रेस पार्टी का बकाया था। यह राशि पहले अखबार शुरू करने के लिए कर्ज के रूप में दी गई थी। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि AJL को दिया गया कर्ज “अवैध” था, क्योंकि यह पार्टी के फंड से लिया गया था। 2014 में जब केंद्र में भाजपा की सरकार आई तो इस मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने शुरू की। मामले में सोनिया और राहुल गांधी पर कार्रवाई की तलवार लटकने लगी थी। इसी वजह से अब राहुल गांधी को तलब किया गया।