बेंगलुरु। कर्नाटक के चित्रदुर्ग जिले के एक गांव में आज डीआरडीओ द्वारा विकसित किया जा रहा तापस ड्रोन क्रैश हो गया. ड्रोन परीक्षण उड़ान के दौरान दुर्घटनाग्रस्त हुआ है. डीआरडीओ दुर्घटना के कारणों की जांच कर रहा है.
डीआरडीओ तापस ड्रोन सीमाओं पर निगरानी रखने और दुश्मनों पर हमला करने के लिए विकसित किया जा रहा है. इसे अभी भारतीय सेना में शामिल नहीं किया गया है.

यह ड्रोन 28 हजार फीट की ऊंचाई पर 18 घंटे से ज्यादा की उड़ान भर सकता है. यह अमेरिका के एमक्यू-1 प्रीडेटर ड्रोन जैसा ही है, जो दिन और रात में निगरानी के साथ टेकऑफ और लैंड करने की क्षमता रखता है.