व्योम ग्राफिक्स कंपनी की बस में हुई आगजनी की घटना में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. यह पूरी घटना कंपनी के ड्राइवर की साजिश थी. पुणे (Pune) पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार इस पूरे वारदात को ड्राइवर ने पूरी प्लानिंग के साथ अंजाम दिया था. ड्राइवर ने इसके लिए प्लास्टिक बनाने वाली बेंजीन (Benzene) केमिकल का इस्तेमाल किया था, जिससे आग तेजी से बस में फैल गई और कंपनी के 6 कर्मचारी झुलस गए. इस हादसे में 4 लोगों की मौत हो गई थी. पुलिस ने आरोपी ड्राइवर को गिरफ्तार कर लिया है.
महाराष्ट्र के पुणे से हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. यहां व्योम ग्राफिक्स कंपनी के ड्राइवर ने दिवाली बोनस और वेतन कटौती से नाराज होकर बदला लेने चलती बस में आग लगा दी, जिससे चार कर्मचारियों की मौत हो गई और छह घायल हो गए.
घटना के वक्त बस में कंपनी के 12 कर्मचारी मौजूद थे. बस में आग लगाने के बाद ड्राइवर और उसके साथ बैठे अन्य लोग कूद गए, जिसमें पीछे बैठे कंपनी के कर्मचारी फस गए. पीछे से बस का दरवाजा बंद था, वो खुल न सका. आग में जलने से कंपनी के चार कर्मचारी जलकर मर गए.
ड्राइवर सीट के नीचे रखा था केमिकल
पुणे पुलिस उपायुक्त विशाल गायकवाड़ ने घटना का खुलासा करते हुए बताया कि हादसे के बाद ड्राइवर और आगे बैठे कर्मचारी सुरक्षित बाहर निकल आए थे. मिली जानकारी के अनुसार, पुणे के हिंजेवाड़ी स्थित आईटी कंपनी व्योम ग्राफिक्स के 12 कर्मचारी मिनी बस में सवार थे. पुलिस के द्वारा जुटाए गए सबूत सीसीटीवी फुटेज और तकनीकी जांच में सामने आया कि आग जानबूझकर लगाई गई थी. घटना के एक दिन पहले आरोपी बीएस ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर ने प्लास्टिक बनाने में इस्तेमाल होने वाला बेंजीन नामक ज्वलनशील केमिकल लिया था, जिसे एक बोतल में डालकर आरोपी ने ड्राइवर सीट के नीचे छिपाकर रखा था.
जानकारी के मुताबिक, आरोपी ने जनार्दन ने घटना के दिन बस के हिंजेवाड़ी पहुंचने पर कपड़े के टुकड़ों में माचिस से आग लगा दी. बेंजीन केमिकल के कारण मिनी बस में तेजी से आग फैल गई. देखते ही देखते ही आग इतनी भीषण हो गई कि पूरी बस इसकी चपेट में आ गई. बस में आग लगाने के बाद ड्राइवर और उसके पास आगे बैठे बाकी लोग बस से उतर कर भाग गए. पीछे बैठे कंपनी के 12 कर्मचारी उसमें फंस गए. पीछे से बस का दरवाजा बंद था, वो खुल न सका. आग में जलने से कंपनी के चार कर्मचारी जलकर मर गए.
4 इंजीनियरों की मौत
इस हादसे में 6 कर्मचारी झुलस गए. मृतक सभी कंपनी में इंजीनियर थे, जिनकी पहचालन सुभाष भोसले (42), शंकर शिंदे (60), गुरुदास लोकरे (40) और राजू चव्हाण (40) के रूप में हुई है. पूछताछ में आरोपी बस ड्राइवर जनार्दन हंबार्डिकर ने अपना गुनाह कुबूल किया है.
