कुदरत की मार से उत्तराखंड में कोहराम, अब तक 22 लोगों की मौत

देहरादून/नैनीताल: उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों, खासतौर से कुमाऊं क्षेत्र में मूसलाधार बारिश होने से अबतक 22 लोगों की मौत हो गयी है. उत्तराखंड सरकार ने इसकी जानकारी दी है. बारिश के कारण कई मकान ढह गए और कई लोग मलबे में फंसे हुए हैं. कई भूस्खलनों के कारण नैनीताल तक जाने वाली तीन सड़कों के अवरुद्ध होने की वजह से इस लोकप्रिय पर्यटक स्थल का राज्य के बाकी हिस्सों से संपर्क टूट गया है.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में पत्रकारों को बताया कि बादल फटने और भूस्खलनों के बाद कई लोगों के मलबे में फंसे होने की आशंका है. धामी ने आश्वस्त किया कि सेना के तीन हेलीकॉप्टर राज्य में चल रहे राहत एवं बचाव अभियानों में मदद करने के लिए जल्द पहुंचेंगे. इनमें से दो हेलीकॉप्टरों को नैनीताल भेजा जाएगा जहां भारी बारिश से व्यापक पैमाने पर नुकसान पहुंचा है, बादल फटने और भूस्खलन से कई मकान ढह गए हैं और मलबे में लोग फंसे हुए है. एक हेलीकॉप्टर को बचाव अभियान में मदद करने के लिए गढ़वाल क्षेत्र में भेजा जाएगा.

 

मुख्यमंत्री ने राज्य के आपदा प्रबंधन मंत्री धान सिंह रावत और राज्य के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) अशोक कुमार के साथ बारिश से हुए नुकसान का आकलन करने के लिए प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण किया. उन्होंने सभी जिला मजिस्ट्रेट से किसानों को हुए नुकसान का आकलन करने और जल्द से जल्द उन्हें एक रिपोर्ट भेजने का निर्देश दिया. बहरहाल, उन्होंने लोगों से न घबराने की अपील करते हुए कहा कि उन्हें सुरक्षित बाहर निकालने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं. उन्होंने चारधाम यात्रियों से फिर अपील की कि वे जहां हैं, वहीं रुक जाएं और मौसम में सुधार होने से पहले अपनी यात्रा शुरू न करें. उन्होंने चमोली और रुद्रप्रयाग जिलों के जिला मजिस्ट्रेट से चारधाम यात्रा मार्ग पर फंसे हुए तीर्थयात्रियों की खासतौर से देखभाल करने का निर्देश दिया.

 

बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है- धामी

धामी ने कहा कि बारिश से हुए नुकसान का आकलन किया जा रहा है. उन्होंने माना कि लगातार बारिश से किसानों पर काफी असर पड़ा है. उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्थिति का जायजा लेने के लिए उनसे फोन पर बात की और उन्हें हरसंभव मदद देने का आश्वासन दिया. नैनीताल में मॉल रोड और नैनी झील के किनारे पर स्थित नैना देवी मंदिर में बाढ़ आ गयी है, जबकि भूस्खलनों के कारण एक हॉस्टल की इमारत को नुकसान पहुंचा है. नैनीताल से प्राप्त एक रिपोर्ट के अनुसार, जिला प्रशासन शहर में फंसे पर्यटकों की मदद के लिए पुरजोर प्रयास कर रहा है. शहर में आने वाले और बाहर जाने वाले वाहनों में सवार यात्रियों को आगाह करने के लिए पुलिस को तैनात किया गया है और यात्रियों से बारिश बंद होने तक ठहरने को कहा जा रहा है.

 

लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए हैं

भूस्खलनों से शहर से बाहर जाने का रास्ता अवरुद्ध हो गया है. रामनगर-रानीखेत मार्ग पर लेमन ट्री रिजॉर्ट में करीब 100 लोग फंस गए हैं और कोसी नदी का पानी रिजॉर्ट में घुस रहा है. नैनीताल जिले में बिजली, दूरसंचार और इंटरनेट संपर्क भी बुरी तरह बाधित है. एसईओसी ने बताया कि नैनीताल में 90 मिलीमीटर, हल्द्ववानी में 128 मिमी, कोश्याकुटोली में 86.6 मिमी, अल्मोड़ा में 216.6 मिमी, द्वाराहाट में 184 मिमी और जागेश्वर में 176 मिमी बारिश हुई.

error: Content is protected !!