राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र (NCS) के अनुसार, सोमवार सुबह 11:46 बजे दिल्ली में हल्के दर्जे का भूकंप(Earthquake) आया, जिसका केंद्र दक्षिणी पूर्वी दिल्ली था. यह सात दिन में तीसरी बार हुआ है जब दिल्ली-एनसीआर में लगातार भूकंप की हलचल हुई है, जो लोगों को चिंतित कर रहा है. भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 2.2 थी, जो आम तौर पर लोगों को महसूस नहीं होता, और यह जमीन से 10 किलोमीटर की गहराई पर आया था. हालांकि, यह घटना लोगों को भूकंप के प्रति फिर से जागरूक करने वाली है. एक दिन पहले गाजियाबाद में हल्के दर्जे का भूकंप हुआ था. जबकि पिछले सोमवार को धौला कुआं के पास चार तीव्रता का भूकंप हुआ था, जो पूरे एनसीआर को कांप उठा था.
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि सोमवार को 11:46 पर राजधानी में हल्के दर्जे का भूकंप आया, जिसका रिक्टर स्केल 2.2 था, जो आम तौर पर महसूस नहीं किया जाता था. भूकंप का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर दक्षिणी पूर्वी दिल्ली में था, और इसकी तीव्रता बहुत कम थी, इसलिए कोई नुकसान नहीं हुआ.
सात दिन में हुए तीन भूकंपों में से पिछले सोमवार को सबसे तीव्र भूकंप 4.0 की तीव्रता से हुआ था, जो जमीन में सिर्फ 5 किलोमीटर की गहराई थीऔर दिल्ली, नोएडा, गाजियाबाद, गुरुग्राम और फरीदाबाद में काफी तेजी से टूट गया था. इस भूकंप ने सुबह करीब 5:36 बजे हुआ था, जिससे अधिकांश लोगों की नींद खुल गई थी.
रविवार को गाजियाबाद में हिली धरती
राष्ट्रीय भूकंप विज्ञान केंद्र ने बताया कि दोपहर बाद 3 बजकर 24 मिनट पर गाजियाबाद में भूकंप के हल्के झटके दर्ज किए गए, लेकिन इसकी तीव्रता इतनी कम थी कि अधिकांश लोगों ने इसे महसूस नहीं किया. भूकंप का केंद्र धरती से लगभग 10 किलोमीटर नीचे था और रिएक्टर पैमाने पर 2.8 था.
भूकंप के बाद की स्थिति
इन भूकंपों के बाद अब तक कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ है, लेकिन भूकंप के झटकों ने लोगों को चिंतित कर दिया है. विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में बार-बार भूकंप आना एक आम बात हो सकता है, लेकिन लगातार भूकंप आना एक चेतावनी हो सकता है. हालांकि इन भूकंपों की तीव्रता बहुत कम रही है, फिर भी लोगों को सतर्क रहना चाहिए.