“मंदिरों के महाकुंभ” में देश-विदेश के 1500 से अधिक मंदिर प्रतिनिधियों ने की शिरकत
राजनांदगांव। भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के उद्देश्य से तिरुपति (आंध्र प्रदेश) में 17 से 19 फरवरी तक आयोजित अंतरराष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी 2025 में मां पाताल भैरवी मंदिर, बर्फानी धाम, ने प्रभावशाली भागीदारी निभाई। इस भव्य आयोजन का उद्देश्य मंदिरों के डिजिटलीकरण, सूचनाओं के प्रसारण और उनके सुव्यवस्थित प्रबंधन को सशक्त बनाना था। तिरुपति के आशा कन्वेंशन सेंटर में आयोजित तीन दिवसीय भव्य कार्यक्रम में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू मुख्य अतिथि थे, वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत की गरिमामयी उपस्थिति ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया । इस आयोजन में 27 देशों के मंदिर प्रतिनिधियों, धर्मशालाओं और आध्यात्मिक चैरिटी संगठनों समेत लगभग 1600 प्रतिनिधियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
सम्मेलन में मंदिरों के सुरक्षा उपाय, आपदा प्रबंधन, तीर्थाटन प्रबंधन और तकनीकी सक्षमता पर विभिन्न चर्चाएँ, कार्यशालाएँ और प्रस्तुतियाँ आयोजित की गईं। ‘ “टेंपल कनेक्ट” के संस्थापक गिरीश वासुदेव कुलकर्णी ने इस आयोजन की महत्ता पर जोर देते हुए कहा, भक्ति और श्रद्धा जितनी महत्वपूर्ण हैं, उतना ही मंदिरों का कुशल प्रबंधन भी आवश्यक है।
दिग्गज कंपनियों के स्टाल ने बढ़ाया आयोजन का आकर्षण
अंतरराष्ट्रीय मंदिर सम्मेलन में अनेक प्रतिष्ठित कॉरपोरेट ब्रांड्स और प्रकाशन समूहों ने अपने स्टाल लगाए, इनमें श्री मंदिर दुर्लभ दर्शन, डायावर्षी, एसपीए, ट्रिप टू ट्रैवल्स, इंडियन पूजा कंपनी क्रिस्टल, मंत्रा, ड्रीमकास्ट, आर्टिस्टिक वामा, जे. कुमार, सेजल, लॉस, सिडको आदि शामिल थे। इन स्टालों पर मंदिरों के आधुनिकीकरण और तीर्थयात्रा अनुभव को समृद्ध बनाने वाली तकनीकों और सेवाओं का प्रदर्शन किया गया।
मां पाताल भैरवी मंदिर का भव्य वृतचित्र प्रदर्शन
इस ऐतिहासिक आयोजन में मां पाताल भैरवी मंदिर, राजनांदगांव को एक विशेष स्थान मिला। कमलेश सिमनकर द्वारा निर्मित और वीरेन्द्र बहादुर सिंह द्वारा लिखित सात मिनट के वृतचित्र को प्रस्तुत किया गया, जिसमें मंदिर की दिव्यता, ऐतिहासिकता और धार्मिक महत्ता को प्रभावशाली तरीके से दर्शाया गया था । “मंदिरों के महाकुंभ” (आईटीसीएक्स 2025) में मां पाताल भैरवी मंदिर का प्रतिनिधित्व बर्फानी सेवाश्रम समिति के अध्यक्ष राजेश मारू, महामंडलेश्वर महंत गोविंद दास महाराज, कमलेश सिमनकर और वीरेन्द्र बहादुर सिंह ने किया। उनकी उपस्थिति ने मंदिर को वैश्विक मंच पर विशेष पहचान दिलाई। यह सम्मेलन न केवल मंदिरों की आध्यात्मिक महत्ता को रेखांकित करता है, बल्कि यह भी सुनिश्चित करता है कि हमारी धार्मिक विरासत आधुनिक युग की तकनीकों के साथ सशक्त होकर आगे बढ़े। मां पाताल भैरवी मंदिर की इस गरिमामयी सहभागिता ने राजनांदगांव और छत्तीसगढ़ को वैश्विक आध्यात्मिक मानचित्र पर एक नई पहचान दी है।