रायपुर। महादेव सट्टा एप की जांच कर रहे प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अब तक 1296 करोड़ रुपए जब्त किए हैं. इस बात का खुलासा करते हुए ईडी ने बताया कि हाल ही में मुंबई, कोलकाता, दिल्ली, इंदौर और रायपुर में छापे के बाद 580 करोड़ रुपए सीज किए थे. मामले में अभियोजन शिकायतें 20 अक्टूबर 2023 और 1 जनवरी 2024 दर्ज की गई हैं. मामले में नौ आरोपियों को पहले ही पकड़ा जा चुका है.
अवैध सट्टेबाजी एप “महादेव ऑनलाइन बुक” के खिलाफ की जा रही जांच की कड़ी में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में कोलकाता, गुरुग्राम, दिल्ली, इंदौर, मुंबई और रायपुर में मनी लॉन्ड्रिंग नेटवर्क के खिलाफ व्यापक तलाशी अभियान चलाते हुए 1.86 करोड़ रुपए नकदी के साथ 1.78 करोड़ रुपए रुपये के कीमती सामान बरामद किए हैं. इसके साथ ही 580.78 करोड़ रुपये की आय को भी जब्त करने के साथ पहचान की है.
तलाशी के परिणामस्वरूप डिजिटल डेटा और संपत्तियों की पहचान सहित बड़ी संख्या में आपत्तिजनक साक्ष्य जब्त किए गए.
ईडी ने छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. इसके बाद, विशाखापत्तनम पुलिस और अन्य राज्यों द्वारा दर्ज की गई अन्य एफआईआर को भी रिकॉर्ड पर लिया गया. मामले की ईडी जांच से पता चला है कि महादेव ऑनलाइन बुक का संचालन दुबई से किया जा रहा है, और यह अपने ज्ञात सहयोगियों को 70% -30% लाभ अनुपात पर “पैनल/शाखाओं” की फ्रेंचाइजी देकर संचालित होता है.
महादेव ऑनलाइन बुक के मुख्य प्रमोटर “रेड्डी अन्ना”, फेयरप्ले आदि जैसे कई ऑनलाइन सट्टेबाजी बुक में भी भागीदार/प्रमोटर हैं, सट्टेबाजी की आय को ऑफ-शोर खातों में भेजने के लिए बड़े पैमाने पर हवाला ऑपरेशन किए जाते हैं. ईडी ने जांच के दौरान पाया कि कोलकाता का रहने वाला हरि शंकर टिबरेवाल, जो वर्तमान में दुबई में रहता है, एक बड़ा हवाला ऑपरेटर है, और उसने महादेव ऑनलाइन बुक के प्रमोटरों के साथ साझेदारी की है. ईडी ने उनके ज्ञात परिसरों और उनके सहयोगियों के परिसरों पर तलाशी ली.
तलाशियों से पता चला कि हरि शंकर टिबरेवाल अवैध सट्टेबाजी वेबसाइटों में से एक स्काई एक्सचेंज का मालिक और संचालन करता था. वह अपने दुबई स्थित संस्थाओं के माध्यम से सट्टेबाजी से प्राप्त आय को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) मार्ग के माध्यम से भारतीय शेयर बाजार में निवेश कर रहा था.
उन्होंने अपने कई सहयोगियों को विभिन्न कंपनियों में निदेशक के रूप में भी नियुक्त किया था, जो सट्टेबाजी से प्राप्त आय को शेयर बाजार में निवेश करने में शामिल थे. वह सट्टेबाजी फंड के बड़े पैमाने पर हवाला मूवमेंट में भी शामिल था. ईडी ने पीएमएलए 2002 के तहत हरि शंकर टिबरेवाल के लाभकारी स्वामित्व वाली संस्थाओं के नाम पर 580.78 करोड़ रुपए की सुरक्षा होल्डिंग्स को जब्त किया है.