ED ने विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम के तहत 15 से 16 स्थानों पर छापेमारी की है, जो ऐमजॉन (Amazon) और फ्लिपकार्ट (Flipkart) जैसी प्रसिद्ध ई-कॉमर्स कंपनियों से जुड़े कुछ विक्रेताओं पर की गई है. आधिकारिक सूत्रों का कहना है कि कॉम्पटिशन अथॉरिटी ऑफ इंडिया (CCI) ने जांच की है. कंपनियों ने स्थानीय प्रतिस्पर्धी नियमों का उल्लंघन करके सेलर्स को प्लेटफॉर्म का गलत उपयोग करने की अनुमति दी है.
प्रतिस्पर्धा आयोग की जांच में पता चला कि इन कंपनियों ने ऐसे विक्रेताओं को बड़ी छूट दी और कई नियमों का उल्लंघन किया, जिससे दूसरी कंपनियों को नुकसान हुआ. साथ ही पीटीआई ने बताया कि कुछ बिक्रीकर्ताओं की जांच की जा रही है जो ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट पर डिस्काउंट देते हुए नियमों का उल्लंघन करते हुए पैसे देते थे. अब तक मिली जानकारी के अनुसार, दिल्ली-एनसीआर के कई शहरों में छापेमारी हुई है, साथ ही कुछ अन्य क्षेत्रों में भी छापेमारी हुई है.
ED की टीम ने दिल्ली, गुरुग्राम (हरियाणा), हैदराबाद (तेलंगाना) और बेंगलुरु (कर्नाटक) समेत कई शहरों में रेड मारी . यह जांच फॉरेंस एक्सचेंज मैनेजमेंट ऐक्ट, यानी फेमा के तहत की जा रही है. ED जांच कर रही है कि कहीं उन सेलर्स ने अवैध वित्तीय लेनदेन तो नहीं किया है, जिन पर फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन के गलत इस्तेमाल के आरोप लगे हैं. फिलहाल, ED या कोई सरकारी निकाय ने इस मामले पर कोई बयान नहीं दिया है; फ्लिपकार्ट और ऐमजॉन ने भी कोई घोषणा नहीं की है.