Election Commission On EVM: हरियाणा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद कांग्रेस (Congress) समेत समूचा विपक्ष एक बार फिर ईवीएम (EVM) और चुनाव आयोग पर हमला कर रही है। कांग्रेस ने चुनाव आयोग पर बीजेपी (BJP) के लिए काम करने तक का आरोप लगा चुकी है। वहीं महाराष्ट्र और झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 (Maharashtra-Jharkhand Assembly Election) की तारीखों के ऐलान से एक बार फिर कांग्रेस-जेएमएम ने ईवीएम पर निशाना साधा है। विपक्ष के आरोप पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार (Rajiv Kumar) ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। राजीव कुमार ने कहा, “जनता मतदान में भाग लेकर सवालों का जवाब देती है। जहां तक ईवीएम का सवाल है, वे 100 फीसदी फूलप्रूफ हैं।
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि पहले भी कई बार साबित हो चुका है कि ईवीएम सही है। इसमें किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं है। ईवीएम 100 फीसदी फूलप्रूफ हैं। उसके साथ ऑनलाइन छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है। ये बात साबित भी हो चुका है।
बता दें कि हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद से ही लगातार पार्टी के दिग्गज नेता इस पर सवाल उठा रहे हैं। नतीजों के अगले दिन ही पवन खेड़ा और जयराम रमेश ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ईवीएम की खामियों के बारे में बताया था। इस मामले में उन्होंने बैटरी पर सवाल उठाते हुए शिकायत भी दी थी। इसके बाद राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार (11 अक्टूबर) को ईवीएम पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा ईवीएम की मौजूदा व्यवस्था के कारण मतदाता के रूप में उनका संवैधानिक अधिकार छिन चुका है। उन्होंने यह दावा भी किया कि मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव की तरह हरियाणा विधानसभा चुनाव में भी डाक मतपत्रों की गिनती में कांग्रेस अधिकांश सीटों पर जीती थी।
बता दें कि 288 सीटों वाली महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर को पूरा हो रहा है। वहीं 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी 2025 को पूरा होगा। पिछले दिनों मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में आयोग की टीम ने झारखंड का दौरा किया था।
महाराष्ट्र में पिछले दो बार (2014 और 2019) से एक फेज में ही इलेक्शन हो रहा है। 2014 में सभी 288 सीटों पर 15 अक्टूबर को वोटिंग हुई थी। वहीं 2019 में 30 नवंबर को एक फेज में वोट डाले गए थे। वहीं झारखंड में पिछले दो विधानसभा चुनाव में पांच-पांच फेज में वोटिंग का ट्रेंड है। 2014 में 25 नवंबर, 2 दिसंबर, 9 दिसंबर, 14 दिसंबर और 20 दिसंबर को वोटिंग हुई थी। वहीं 2019 में 30 नवंबर, 7 दिसंबर, 12 दिसंबर, 16 दिसंबर और 20 दिसंबर को वोट डाले गए थे।