नई दिल्ली: पंजाब में करारी हार के बाद भी कांग्रेस आरोप-प्रत्यारोप की ही राजनीति में जुटी हुई है। पंजाब में आम आदमी पार्टी को 93 सीटों पर जीत मिलने और कांग्रेस के 17 सीटों पर सिमटने पर रणदीप सुरजेवाला का बयान सामने आया है। उन्होंने इस हार के लिए कांग्रेस की लीडरशिप या फिर किसी नेता को जिम्मेदार नहीं ठहराया बल्कि कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हार का ठीकरा फोड़ा। उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह साढ़े चार साल तक पंजाब के सीएम रहे और जनता उनसे नाराज थी। सुरजेवाला ने कहा कि कैप्टन के शासन के चलते ऐंटी-इनकम्बैंसी थी और हम उसे लेकर जनता को समझा नहीं पाए।
रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि हम गोवा और उत्तराखंड में पूरी ताकत से लड़े, लेकिन जनता को समझा नहीं पाए। हमने चुनाव को धार्मिक मुद्दों से अलग जनता के मुद्दों पर लाने का सतत प्रयास किया है। शिक्षा, स्वास्थ्य से लेकर अन्य तमाम चीजों में हमने पूरा फोकस किया है। लेकिन भावनात्मक मुद्दे जनता पर हावी हो गए हैं। हम चुनाव हार जाएं या फिर जीतें, लेकिन हम जनता के मुद्दों को लेकर काम करते रहेंगे। हम हार के कारणों पर आत्ममंथन और चिंतन करेंगे। संगठन को लेकर काम करेंगे और भविष्य में बेहतरी के लिए प्रयास करेंगे। उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला लिया है कि केंद्रीय कार्य समिति की बैठक बुलाई जाएगी, जिसमें हार की समीक्षा की जाएगी।
हम भले ही चुनाव हार गए हैं, लेकिन हिम्मत नहीं हार हैं। हम सभी विजेताओं को दिल से हार्दिक बधाई देते हैं। एक तरफ रणदीप सुरजेवाला ने हार का ठीकरा अमरिंदर सिंह पर फोड़ा तो वहीं यह कहते हुए सबक लेने का भी संकेत दे दिया कि सोनिया गांधी ने कार्यसमिति की बैठक बुलाने का फैसला लिया है। इस बात से यह भी साफ है कि हार के बाद कांग्रेस में एक बार फिर रार का दौर शुरू हो सकता है। यही नहीं पंजाब में बड़े बदलाव भी देखने को मिल सकते हैं। इसकी वजह यह है कि पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू और सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भी चुनाव हार गए हैं।