गरियाबंद. जिले में पुलिस की संवेदनशीलता एक बार फिर देखने को मिली है. जिंदगी और मौत से जूझ रही घायल महिला नक्सली को गरियाबंद पुलिस ने जीवन दान देने खून देकर अपनी संवेदनशीलता को साबित किया है.
मिली जानकारी के मुताबिक, बीजापुर में सक्रिय नक्सलियों की एक टोली गरियाबंद में कमजोर पड़ी नक्सल गतिविधियों को विस्तार करने में जुटी हुई थी. वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अमित तुकाराम कांबले को मिली गुप्त सूचना के आधार पर गुरुवार को मैनपुर थाना क्षेत्र के सीकासार इलाके की सर्चिंग के लिए टीम को भेजा गया था. अभियान बुधवार देर रात से शुरू हुई.
टीम में जिला पुलिस बल के ई सुपर 30 टीम के साथ सीआरपीएफ की टुकड़ी भी शामिल थी. इसी बीच गुरुवार की शाम छिंदौला के जंगल में नक्सलियों के साथ मुठभेड़ हुई. एडिशनल एसपी डीसी पटेल ने बताया, उस वक्त 25 से 30 की संख्या में नक्सली सामने रहे होंगे. गोली दोनों तरफ से चल रही थी. तीन चार राउंड की फायरिंग के बाद नक्सली भाग खड़े हुए. सर्चिंग में एक महिला नक्सली घायल मिली. घायल नक्सली का नाम पार्वती है, जो 25 से 30 साल के बीच की है. बीजापुर की सीलगेर की रहने वाली है. घायल नक्सली का तत्काल पहले उपचार किया गया, फिर 108 के जरिए जिला अस्पताल में भर्ती किया गया.
प्रधान आरक्षक ने दिया खून
गुरुवार को गणतंत्र दिवस की तैयारी चल रही थी. महिला नक्सली के गर्दन में गोली लगने के कारण खून काफी बह गया था. एडिशन एसपी पटेल ने बताया कि डॉक्टरों ने ओ पॉजिटिव ब्लड की आवश्यकता बताई. ऑक्सीजन लेबल भी लगातार कम हो रहा था. ऐसे में एसपी के निर्देश के बाद तत्काल डोनर की व्यवस्था की गई. कोतवाली में पदस्थ प्रधान आरक्षक प्रदीप सिन्हा ने घायल महिला नक्सली को खून दिया. हालत स्थिर होने के बाद महिला नक्सली को रायपुर मेकाहार उपचार के लिए शिफ्ट किया गया. गरियाबंद पुलिस की संवेदनशीलता के चलते महिला नक्सली अब खतरे से बाहर बताई जा रही है. पुलिस जवानों के खून के प्यासे कहे जाने वाले नक्सलियों को खून देकर जान बचाने की इस घटना की सभी तारीफ कर रहे हैं.