नई दिल्ली. केंद्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय (ED) दिल्ली सरकार की आबकारी नीति में फर्जीवाड़ा को अंजाम देने वाले के खिलाफ शुरुआती तफ्तीश पूरी करने के बाद जल्द ही चार्जशीट कोर्ट में दायर करने की तैयारी में है. ईडी की तरफ से तैयार की गई चार्जशीट में दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया का नाम नहीं हैं. उधर शुक्रवार को सीबीआई की तरफ से 7 आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी गई. अब इस मामले की अगली सुनवाई 30 नवंबर को होगी.
जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक ईडी द्वारा गिरफ्तार पांचों आरोपियों के बारे में अब तक हुई तफ्तीश के आधार पर चार्जशीट दाखिल तैयार की गई है. ईडी मुख्यालय में कार्यरत टीम पिछले दो महीनों की तफ्तीश के दौरान जिन पांच आरोपियों के खिलाफ सबूत मिले हैं उनका नाम चार्जशीट में शामिल किया है. पहली चार्जशीट में फिलहाल मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है.
सीबीआई ने दाखिल की चार्जशीट
उधर शुक्रवार को सीबीआई ने आबकारी घोटाले मामले में दिल्ली की राऊज एवेन्यू कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की. ये चार्जशीट 7 आरोपियों के खिलाफ दाखिल की गई है. इसमें विजय नायर, अभिषेक बोइनपल्ली, समीर महेंद्रू, मुत्तथा गौतम और अरुण आर पिल्लई का नाम शामिल है. इसके अलावा दो एक्साइज के पूर्व अधिकारियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई है. सीबीआई की तरफ से दाखिल इस चार्जशीट में मनीष सिसोदिया का नाम नहीं है.
ED इनके खिलाफ दायर कर सकती है चार्जशीट
1. समीर महेंद्रू – MD , Indosprit Group
2. विजय नायर -पूर्व CEO , ओनली Much Louder ,मुंबई
3. अभिषेक बोइनपल्ली — हैदराबाद का कारोबारी
4. सरथ चंद्र रेड्डी – आंध्रप्रदेश का कारोबारी
5. बेनॉय बाबू – शराब कारोबारी
मनीष सिसोदिया को पहले चार्जशीट में नहीं बनाया गया आरोपी
ईडी के सूत्रों के मुताबिक दिल्ली सरकार के आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को फिलहाल पहली चार्जशीट में आरोपी नहीं बनाया गया है, बल्कि इस चार्जशीट में उन लोगों को आरोपी बनाया गया है, जिसकी गिरफ्तारी हो चुकी है. यानी जिससे पूछताछ की जा चुकी है और उनके खिलाफ पुख़्ता सबूत हैं. सीबीआई मनीष सिसोदिया को अपनी दर्ज एफआईआर में आरोपी नंबर एक यानी मुख्य आरोपी बनाया था. उसी एफआईआर को आधार बनाते हुए ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मामला दर्ज किया था और आगे की तफ्तीश कर रही है. लेकिन इस मामले में पांच शराब कारोबारियों से पूछताछ करने के बाद उन्हें गिरफ्तार किया था. लिहाजा इसी वजह से उन आरोपियों के खिलाफ जांच एजेंसी ईडी द्वारा पहला चार्जशीट दायर किया गया है. इस मामले की आगे की तफ्तीश के दौरान कई अन्य आरोपियों से पूछताछ की जाएगी. उसी के आधार पर बाद में सप्लीमेंट्री चार्जशीट दायर किया जाएगा.
आने वाले वक्त में कुछ और नाम हो सकते हैं शामिल
पहली चार्जशीट में अगर किसी आरोपी का नाम नहीं है तो इसका मतलब यह नहीं है कि उसे जांच एजेंसी से “क्लीनचिट “मिल गई है. इसका मतलब तफ्तीश जारी है. जांच एजेंसी के सूत्रों की अगर मानें तो पिछले दो महीनों के दौरान हुई करीब दो दर्जन लोगों से पूछताछ के दौरान काफी महत्वपूर्ण इनपुट्स और बयानों को ईडी के द्वारा दर्ज किया गया है. उसी के आधार पर कहा जा सकता है कि आने वाले कुछ वक्त के दौरान कुछ राजनीतिक हस्तियों से भी इसी मामले में जुड़े कनेक्शन की वजह से उन्हें पूछताछ करने के लिए समन भेजा जाएगा और दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय पर पूछताछ किया जाएगा.
तेजी से बढ़ रहा है ईडी की तफ्तीश का दायरा
ईडी मुख्यालय में स्थित HIU ब्रांच की टीम काफी तेजी से और सतर्कता से इस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है. लिहाजा इस मामले में पिछले दो महीने से लगातार कई आरोपियों के बयान को दर्ज किया जा चुका है. ईडी के वरिष्ठ सूत्र के मुताबिक इस मामले की बात हो या किसी अन्य मामले की हम लोग ये कोशिश करते हैं कि तमाम सबूतों और दर्ज बयानों, दस्तावेजों के आधार पर मामले की तफ्तीश रिपोर्ट को कोर्ट के सामने रखते हैं. जिससे कि आरोपी को किसी भी आधार पर बचने का मौका नहीं मिल सके.
ईडी की तफ्तीश में “साउथ ग्रुप ” संबंधित मिले कई इनपुट्स
दिल्ली आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े मामले की तफ्तीश के दौरान ईडी द्वारा कई अन्य आरोपियों से रोजाना पूछताछ की जा रही है. ईडी के वरिष्ठ सूत्रों के मुताबिक हैदराबाद मूल के रहने वाले कारोबारी अभिषेक बोइनपल्ली और विजय नायर के बारे में ये जानकारी मिली कि ये दोनों आरोपी बेहद प्रभावशाली कारोबारी हैं. जिसका दिल्ली से लेकर हैदराबाद तक बेहद मजबूत राजनीतिक कनेक्शन है. तफ्तीश के दौरान जांच एजेंसी ईडी को ये जानकरी मिली थी कि दक्षिण भारत के शराब कारोबारियों की कथित तौर पर लॉबिंग करने और दिल्ली में एक नई आबकारी नीति बनाने और उसके प्रावधानों से लाभ अर्जित करने के लिए दिल्ली, हैदराबाद, मुंबई में कई राजनीतिक हस्तियों और कारोबारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक करके लॉबिंग किया था. इसके साथ ही हवाला कारोबारी के मार्फत दिनेश अरोड़ा और विजय नायर को करोड़ों रुपये भेजने का आरोप भी है. उसके बाद दिल्ली सरकार की विवादित आबकारी नीति जो नवंबर 2021 से लेकर जुलाई 2022 तक प्रभावी रही थी, उसको कई आरोपियों द्वारा प्रभावित किया गया था.
सीबीआई और ED द्वारा ने इनके खिलाफ दर्ज किया है केस
1.मनीष सिसोदिया – दिल्ली के उपमुख्यमंत्री
2. अरवा गोपी कृष्णा – पूर्व एक्ससाइज कमिश्नर
3. पंकज भटनागर – सहायक एक्साइज कमिश्नर
4. मनोज राय -पूर्व कर्मचारी , मेसर्स Permod Ricard ,लखनऊ
5. विजय नायर -पूर्व CEO, ओनली Much Louder ,मुंबई
6. अमनदीप ढल -निदेशक, मेसर्स Brindco सेल्स प्राइवेट लिमिटेड
7. आनंद तिवारी- डिप्टी कमिश्नर , दिल्ली आबकारी
8. समीर महेंद्रू – MD , Indosprit Group
9. अमित अरोड़ा – मेसर्स Buddy Retail Pvt. Ltd
10. मेसर्स Buddy Retail Pvt. Ltd
11. दिनेश अरोड़ा
12. मेसर्स महादेव लिकयर्स – ओखला ,दिल्ली
13. सनी मारवाह
14. अरुण रामचन्द्र पिल्लई
15.अज्ञात सरकारी सहित प्राइवेट पर्सन
जल्द हो सकती है अन्य गिरफ़्तारी
ईडी और सीबीआई द्वारा इस आबकारी नीति को प्रभावित करने वाले दर्जनों संदिग्ध सरकारी और प्राइवेट लोगों से पूछताछ कर चुकी है, इस मामले का कनेक्शन दिल्ली, मुंबई, गुरुग्राम, फरीदाबाद, उत्तर प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पंजाब के दर्जनों लोकेशन से संबंधित कनेक्शन को खंगालने और उन तमाम कड़ियों को जोड़ने में लगी हुई है. जल्द ही इस मामले में कुछ अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी भी संभव है.