भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि शुक्रवार को भोपाल में शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा. 16 दिसंबर को पार्थिव शरीर भोपाल लाए जाने के बाद एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा जाएगा. फिर 17 तारीख को सुबह 11:00 बजे भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा.
तमिलनाडु के कुन्नूर में हेलिकॉप्टर हादसे में जान गंवाने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का पार्थिव शरीर गुरुवार को बेंगलुरु से भोपाल लाया गया. यहां उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. एयरफोर्स के अफसरों और एमपी सरकार में मंत्री विश्वास सारंग ने भी भोपाल एयरपोर्ट पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
इससे पहले मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह के परिजन को 1 करोड़ रुपए की सम्मान निधि देने की घोषणा की है. साथ ही परिजन से बात कर घर के किसी एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी देने की बात कही. मुख्यमंत्री ने बताया कि परिवार की भावना का ध्यान रखते हुए वरुण सिंह की स्मृति में उनकी प्रतिमा या किसी संस्था का नाम उनके नाम पर रखने का फैसला किया जाएगा.
शुक्रवार को भोपाल में ही होगा अंतिम संस्कार
भोपाल के कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि शुक्रवार को भोपाल में शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम संस्कार किया जाएगा. 16 दिसंबर को पार्थिव शरीर भोपाल लाए जाने के बाद एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में श्रद्धांजलि कार्यक्रम रखा जाएगा. फिर 17 तारीख को सुबह 11:00 बजे भदभदा विश्राम घाट पर अंतिम संस्कार किया जाएगा.
बुधवार को बेंगलुरु के सैनिक अस्पताल में हुई थी मौत
8 दिसंबर को तामिलनाडु के कुन्नूर में भारतीय वायुसेना के विमान क्रैश हादसे में एकमात्र जीवित बचे वरुण सिंह की बुधवार को इलाज के दौरान मौत हो गई थी। बेंगलुरु के सैन्य अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। विमान हादसे में सीडीएस जनरल विपिन सिंह रावत, उनकी पत्नी समेत 13 अधिकारी शहीद हो गए थे. वरुण मूल रूप से यूपी के देवरिया जिले के खोरमा कन्हौली गांव के रहने वाले थे. फिलहाल, वरुण सिंह के पिता रिटायर्ड कर्नल केपी सिंह भोपाल के एयरपोर्ट रोड स्थित सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं.
वरुण ग्रुप कैप्टन अभिनंदन वर्धमान के बैचमेट रहे थे. अभिनंदन वर्धमान ने ही 27 फरवरी 2019 को भारत की सीमा में घुसे पाकिस्तानी विमानों को खदेड़ा था. साल 2020 में एक हवाई इमरजेंसी के दौरान अपने LCA तेजस लड़ाकू विमान को बचाने के लिए वरुण सिंह को शौर्य चक्र से सम्मानित किया जा चुका है. इस साल के स्वतंत्रता दिवस पर इस कैप्टन को इस सम्मान से नवाजा गया था. कैप्टन वरुण सिंह का जन्म दिल्ली में हुआ था. उनकी उम्र 42 साल थी. उनके पिता कृष्ण प्रताप सिंह सेना में कर्नल पद से रिटायर्ड हुए थे. वरुण के छोटे भाई तनुज सिंह मुम्बई में नेवी में हैं. उनकी पत्नी गीतांजली एक बेटा रिद रमन और बेटी आराध्या हैं.
क्रैश में सभी 14 लोगों ने गंवाई जान
कुन्नूर हेलिकॉप्टर क्रैश की बात करें तो उस हेलिकॉप्टर में सीडीएस बिपिन रावत, उनकी पत्नी और कई दूसरे सीनियर अफसर भी मौजूद थे. इस दुर्घटना में CDS बिपिन रावत, उनके परिवार के सदस्य समेत 14 लोग सवार थे, जिसमें 13 की जान चली गई. अकेले ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह बच पाए थे… लेकिन बुधवार को उनका भी निधन हो गया. ऐसे में इस हादसे में सभी 14 लोगों ने अपनी जान गंवा दी.