गुजरात। खाद्य एवं औषधि विभाग ने नकली दवा बनाने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया है. गुजरात के खाद्य एवं औषधि नियामक आयुक्त द्वारा गुजरात के विभिन्न इलाकों से नकली दवाएं बनाने वाली फैक्ट्री और राज्य में बिक्री के रैकेट को उजागर किया है. इस रैकेट के पास से गुजरात खाद्य एवं औषधि नियामक ने अहमदाबाद, सूरत, वडोदरा, भुज और ईडर से 1.75 करोड़ से अधिक क़ीमत की नकली एंटीबायोटिक दवाओं का जत्था जब्त किया है.
अहमदाबाद में चंगोदर स्थित फार्माकेम का दिव्येश जागणी यह धंधा चला रहा था. दिव्येश ने अवैध तरीके से दूसरी कंपनी का नाम एंव लाइसेंस नंबर का इस्तेमाल करके नकली दवाएं बनाने की फैक्ट्री शुरू करने के लिए जरूरी मशीनरी खरीदी थी. अब दिव्येश जागणी को हिरासत में लेकर फैक्ट्री सील कर दी गई है. इसके अलावा इसमें फार्माकेम के मुख्य सूत्रधार के तौर पर पाइकून फार्मा प्राइवेट लिमिटेड के नरेश धनवाडीया का नाम सामने आया है. नरेश धनवाडीया नकली दवाएं बनवाकर देशभर में उसे सप्लाई करता था. खाद्य एवं औषधि नियामक के कमिश्नर एच. जी. कोशिया ने कहा कि दिव्येश जागणी ने ही अन्य कंपनी के नाम और लाइसेंस नंबर का उपयोग कर अवैध रूप से एंटीबायोटिक्स बनाने के लिए आवश्यक मशीने खरीदी थी. खाद्य एवं औषधि विभाग ने दवा बनाने का कच्चा माल, मशीन, नकली दवाएं, पैकिंग मटेरियल समेत 1.25 करोड़ के सामान को जब्त किया है.
गैरकानूनी तरीके से नकली दवा बनाने एवं लोगों का जान से खिलवाड़ करने के गंभीर आरोप के चलते फैक्टरियों को सील कर दिया गया है. यहां बनी नकली दवाओं को भुज, अहमदाबाद, वडोदरा, ईडर में भजा जा रहा था. जांच के दौरान इन फैक्टरियों से करीब 51 लाख की दवाएं जब्त की गई है. राज्य की खाद्य एवं औषधि विभाग ने ऐजीथ्रोमाइसिन, पेरासिटामोल सहित 9 दवाओं के सैंपल को टेस्ट के लिए वडोदरा स्थित लैब में भेजा है.