नया धान खरीदी केंद्र नहीं बनने से भड़के किसान: बोले- “अब होगी आर-पार की लड़ाई

गरियाबंद। जिले के ग्रामीण इलाकों में लगातार उपेक्षा झेल रहे किसानों का सब्र अब जवाब दे चुका है। ग्राम पंचायत घटौद, बेगरपाला और जंगल धवलपुर के सैकड़ों किसानों ने आज एकजुट होकर बड़ा ऐलान किया है। किसानों ने चेतावनी दी है कि अगर ग्राम पारागांव डीह में नया धान खरीदी केंद्र स्थापित करने की वर्षों पुरानी मांग पर तुरंत कार्रवाई नहीं की गई, तो 28 अक्टूबर को सिकासार (जीरो चैन) मार्ग एनएच-130 पर चक्काजाम किया जाएगा।

वर्षों से उठ रही मांग पर अब तक नहीं हुई सुनवाई

किसानों ने बताया कि पिछले कई सालों से वे शासन-प्रशासन से नया धान खरीदी केंद्र पारागांव डीह में स्थापित करने की मांग कर रहे हैं। समिति का प्रस्ताव कई बार प्रशासनिक स्तर पर भेजा जा चुका है, यहां तक कि पिछले माह सितंबर में कलेक्टर जनदर्शन में भी ज्ञापन सौंपा गया था। कलेक्टर ने उस समय शीघ्र निर्णय का आश्वासन दिया था, लेकिन अब धान खरीदी प्रारंभ होने में महज 20 दिन बचे हैं, और प्रशासन की ओर से कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है।

धवलपुर केंद्र पर भीड़, अव्यवस्था और भेदभाव की शिकायत

वर्तमान में किसानों को अपनी उपज बेचने के लिए ग्राम धवलपुर के खरीदी केंद्र तक जाना पड़ता है। किसानों का कहना है कि वहां जगह की कमी, लंबी कतारें और भेदभाव जैसी समस्याएं लगातार बनी रहती हैं। कई बार दूरदराज़ के किसानों को अपनी बारी के लिए दो-दो दिन रुकना पड़ता है। इन परिस्थितियों से त्रस्त होकर अब किसानों ने साफ कह दिया है कि “या तो पारागांव डीह में खरीदी केंद्र बने, या फिर हम आंदोलन करेंगे।”

किसानों ने प्रशासन को सौंपा ज्ञापन

आज तीनों पंचायतों के किसानों ने सामूहिक रूप से निर्णय लिया और इसकी औपचारिक सूचना जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम के नेतृत्व में मैनपुर SDOP और थाना प्रभारी को ज्ञापन सौंपकर दी। इस मौके पर ग्राम पंचायत घटौद के सरपंच दिनेश नेताम, जंगल धवलपुर के सरपंच दिनेश ठाकुर, बेगरपाला के सरपंच मनराखन मरकाम, तथा प्रमुख किसान तीजुराम नेताम, सुमेर कपिल, राजकुमार नेताम सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे।

“न्याय और सम्मान की लड़ाई है किसानों की” — संजय नेताम

जिला पंचायत सदस्य संजय नेताम ने कहा, “किसानों की यह लड़ाई सिर्फ खरीदी केंद्र की नहीं, बल्कि न्याय और सम्मान की लड़ाई है। जब तक पारागांव डीह में नया धान खरीदी केंद्र स्वीकृत नहीं होता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा। किसानों की अनदेखी अब और बर्दाश्त नहीं की जाएगी।”

किसानों की चेतावनी — 28 अक्टूबर को होगा बड़ा आंदोलन

किसानों ने स्पष्ट किया है कि यदि शासन ने उनकी मांगों पर तत्काल ध्यान नहीं दिया, तो 28 अक्टूबर को महिला, पुरुष और बच्चों सहित हजारों किसान NH-130 पर चक्काजाम करेंगे। उन्होंने कहा कि इस आंदोलन से होने वाली असुविधा या स्थिति की पूरी जवाबदेही शासन-प्रशासन की होगी।

गौरतलब है कि इस घोषणा के बाद क्षेत्र के गांवों में हलचल तेज हो गई है। किसान अब पंचायत स्तर पर बैठकों के जरिए आगामी आंदोलन की रणनीति बना रहे हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों से लेकर सामाजिक संगठनों तक ने प्रशासन से अपील की है कि किसानों की जायज मांग को तुरंत स्वीकार किया जाए, ताकि क्षेत्र में शांति और व्यवस्था बनी रहे।

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