भूपेश बघेल की गोठान योजना को याद कर रहे किसान – मदन साहू

खुले में भटक रहे मवेशी सूद लेने वाला कोई नहीं

राजनांदगांव(दैनिक पहुना)। जिले के किसान आज भी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सरकार की महत्वाकांक्षी गोठान योजना को याद कर रहे हैं। किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मदन साहू का कहना है कि पहले गोठान योजना से न केवल किसानों को खाद व उर्वरक की सुविधा मिलती थी। बल्कि महिला स्व-सहायता समूहों को भी रोजगार मिलता था। अब स्थिति यह है कि किसानों को न खाद मिल रही है और न ही खुले में घूम रहे मवेशियों से उनकी फसल की सुरक्षा। श्री साहू ने आगे कहा कि भूपेश सरकार के समय रासायनिक उर्वरकों की कमी को किसान कंपोस्ट खाद से पूरा कर लेते थे। गोठान से उन्हें गोबर बेचकर आय मिलती थी और वहीं से कंपोस्ट, केंचुआ खाद व गोमूत्र से बने जैविक उर्वरक भी सुलभ होते थे। महिला समूह सब्जी उत्पादन, रंगोली निर्माण, पेंटिंग और पशुपालन कर आत्मनिर्भर हो रही थीं। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार ने आते ही पूरी योजना बंद कर दी जिससे किसान और महिला समूह दोनों को नुकसान हुआ है।

श्री साहू ने आगे कहा यह सरकार पूरी तरह किसान और महिला समूह विरोधी है। आने वाले समय में किसान भाजपा सरकार को इसका जवाब जरूर देंगे। गांवों में खुले में घूम रहे मवेशियों ने किसानों की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। दिन-प्रतिदिन फसलें मवेशियों के चरने से बर्बाद हो रही हैं। वहीं सड़कों पर आवारा पशुओं के कारण हादसों का खतरा बढ़ गया है। कई बार ट्रकों की चपेट में आकर गौ-वंश की मौत तक हो रही है। पंचायत प्रतिनिधि भी इस समस्या से जूझ रहे हैं। न तो शासन द्वारा किसी प्रकार की अतिरिक्त राशि दी जा रही है और न ही मवेशियों को रखने के लिए पर्याप्त इंतज़ाम। कई गांवों में मवेशियों को लेकर विवाद की स्थिति बन रही है। मदन साहू ने कहा कि यदि शासन-प्रशासन ने जल्द ही आवारा मवेशियों की सुरक्षा और किसानों की समस्या को दूर करने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए तो किसान उग्र आंदोलन करने पर मजबूर होंगे।

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