किसानों को जब बैंक शाखा प्रबंधक ने बताया कि उनका पुराना लोन जमा नहीं हुआ है, तो यह मामला खुलासा हुआ. दरअसल, केवटी लेम्पस के प्रबंधक और अन्य कर्मचारियों ने किसानों से ऋण की राशि ली थी और उन्हें रसीद भी दी थी. लेकिन, उक्त राशि को केंद्रीय सहकारी बैंक की शाखा में जमा नहीं किया गया. इसके बजाय, यह राशि कर्मचारियों द्वारा गबन कर ली गई.
किसान अपनी रसीदों के आधार पर समझ रहे थे कि उनका लोन चुका दिया गया है, जबकि बैंक में उस राशि का कोई रिकॉर्ड नहीं था. अब किसानों को नया ऋण नहीं मिल पा रहा है, जिससे उनकी खेती प्रभावित हो रही है.
पुलिस ने दर्ज की एफआईआर, आरोपी फरार
लगभग 60 किसानों ने इस धोखाधड़ी के खिलाफ भानुप्रतापपुर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है. थाना प्रभारी रामेश्वर देशमुख ने बताया कि जांच में यह सामने आया है कि लगभग 24 लाख रुपये का गबन किया गया है. आरोपियों के खिलाफ गांव-गांव में किसानों से पूछताछ की जा रही है, और फरार आरोपियों की तलाश जारी है.
किसानों का कहना है कि उन्होंने जो राशि जमा की थी, वह 40 हजार रुपये से लेकर 3 लाख रुपये तक थी. इस धोखाधड़ी ने किसानों के सामने गंभीर संकट पैदा कर दिया है, क्योंकि अब न तो उनका पुराना ऋण चुकता हुआ है और न ही वे नया ऋण प्राप्त कर पा रहे हैं