Central Government on GST: केंद्र सरकार (Central Government) की तरफ से लागू की गई जीएसटी व्यवस्था (GST System) के बाद में आम जनता को काफी फायदा मिला है. आज सरकार ने इस बारे में जानकारी देते हुए बताया है कि छह साल पहले लागू की गई माल एवं सेवा कर (GST) ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि देश में खपत को गति भी दी है. कुल मिलाकर इससे परिवारों को मासिक बिल कम करने में मदद मिली है.
सरकार ने जीएसटी लागू होने से पहले और बाद में विभिन्न वस्तुओं पर कर दरों की तुलना करते हुए यह बात कही है. उसने यह भी कहा कि जीएसटी प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने से लेकर निवेश को बढ़ावा देने में उत्प्रेरक रहा है.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ट्विटर पर लिखा है कि जीएसटी के क्रियान्वयन ने करदाताओं के लिये कर कानून का पालन करना आसान बना दिया है. यह बात इस तथ्य से पता चलती है कि जीएसटी के तहत पंजीकृत करदाताओं की संख्या एक अप्रैल, 2018 तक 1.03 करोड़ थी. यह बढ़कर एक अप्रैल, 2023 तक 1.36 करोड़ हो गई है.
1 जुलाई 2017 से हुआ था लागू
जीएसटी एक जुलाई, 2017 की मध्यरात्रि को लागू हुआ था. इसमें 13 उपकर समेत उत्पाद शुल्क, सेवा कर और मूल्य वर्धित कर (वैट) जैसे 17 स्थानीय शुल्कों को समाहित किया गया है. माल एवं सेवा कर के अंतर्गत कर की चार दरें हैं. इसमें आवश्यक वस्तुओं पर कर से या तो छूट है या फिर पांच प्रतिशत की कम दर से कर लगाया जाता है. विलासिता और समाज के नजरिये से हानिकारक वस्तुओं पर 28 प्रतिशत की ऊंची दर से कर लगाया जाता है। कर की अन्य दरें 12 फीसदी और 18 फीसदी हैं.
सोने-चांदी पर कितना लगता है GST?
इसके अलावा, सोना, आभूषण और कीमती पत्थरों के लिये 3 प्रतिशत और तराशे तथा पॉलिश किये गये हीरे पर 1.5 प्रतिशत की विशेष दर है.
6 साल पहले लागू हुई थी व्यवस्था
सीतारमण के कार्यालय से किए गए ट्वीट में लिखा है कि छह साल पहले केंद्र और राज्य सरकारों के 17 करों और 13 उपकरों को समाहित कर लागू जीएसटी ने न केवल नागरिकों पर कर का बोझ कम करने में मदद की है, बल्कि यह देश में खपत को गति देने को लेकर इंजन भी साबित हुआ है. जीएसटी लागू होने से पहले वैट, उत्पाद शुल्क, केंद्रीय बिक्री कर (CST) और उनके व्यापक प्रभाव के कारण एक उपभोक्ता को औसतन 31 प्रतिशत कर देना होता था.
टैक्स कम होने से हर घर में आई खुशियां
वित्त मंत्रालय ने ट्वीट किया है कि जीएसटी के तहत कर की दरें कम होने से हर घर में खुशियां आई है. दैनिक उपयोग की विभिन्न उपभोक्ता वस्तुओं पर जीएसटी के माध्यम से राहत मिली है. जीएसटी भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में पासा पलटने वाला साबित हुआ है और इसने सभी पक्षों को व्यापक लाभ उपलब्ध कराया है.
रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचा GST
सरकार ने कहा कि इससे जो लाभ हुए हैं, उसमें विभिन्न वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में कमी, सभी करदाताओं के लिये समान अवसर और बेहतर अनुपालन के माध्यम से राजस्व वृद्धि शामिल है. जब माल एवं सेवा कर 2017 में पेश किया गया था, उस समय मासिक जीएसटी राजस्व 85,000 से 95,000 करोड़ रुपये था. वह बढ़कर अब 1.50 लाख करोड़ रुपये के आसपास पहुंच गया है और इसमें वृद्धि जारी है. इस साल अप्रैल में यह अबतक के उच्चतम स्तर 1.87 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गया.