NPS में जमा पैसे पर व‍ित्‍त मंत्री का बड़ा बयान………!

 

OPS को लेकर क्या है सरकार का रुख- जानें

नई दिल्ली. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (FM Nirmala Sitharaman) ने कहा कि राष्ट्रीय पेंशन योजना (NPS) में जमा पैसा इसमें योगदान करने वाले व्यक्तियों का है और कानून के तहत राज्य सरकारें इसे नहीं ले सकतीं. वित्त मंत्री ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में पुरानी पेंशन व्यवस्था (Old Pension Scheme-OPS) बहाल करने से जुड़े सवालों के जवाब में कहा कि जो राज्य पुरानी पेंशन प्रणाली (OPS) में वापस आ गए हैं, वे राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) से संचित कोष को वापस नहीं ले सकते क्योंकि ये धन कानून के अनुसार कर्मचारियों के हैं.

सीतारमण ने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ सरकारें केंद्र से पैसा लौटाने के लिये कह रही हैं, कानून के तहत ऐसा नहीं हो सकता. हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम की बहाली का मुद्दा गरमाया हुआ है. गुरुवार को राजधानी शिमला (Shimla) पहुंची जहां उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मियों की तनख्वाह से काटे जा रहे पैसे पर राज्य सरकार का नहीं बल्कि कर्मचारियों का सीधा अधिकार है. केंद्र सरकार राज्य सरकारों को यह पैसा नहीं दे सकती.

बता दें कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने हाल ही में कहा था कि केंद्र ने एनपीएस के तहत नामांकित राज्य सरकार के कर्मचारियों के 17,000 करोड़ रुपये के एनपीएस कॉर्पस को वापस करने से इनकार कर दिया है. एनपीएस कॉर्पस की देखरेख पेंशन नियामक करता है और इसका प्रबंधन विभिन्न फंड मैनेजर करते हैं. साथ ही, राज्य सरकार के कर्मचारियों द्वारा एनपीएस से निकासी पूरी तरह से संभव नहीं होगी.

जानें क्या हैं नियम

पेंशन फंड नियामक और विकास प्राधिकरण (पीएफआरडीए) के नियमों के अनुसार, एक ग्राहक नामांकन के पांच साल बाद एनपीएस कोष का 20% वापस ले सकता है. शेष 80% को एक वार्षिकी योजना में निवेश किया जाना है. सेवानिवृत्ति पर, किसी व्यक्ति के कार्य वर्षों के दौरान योगदान से संचित राशि का 60% सेवानिवृत्ति के समय निकालने की अनुमति है. शेष 40% मासिक पेंशन उत्पन्न करने के लिए वार्षिकी में निवेश किया जाता है.

दिसंबर की शुरुआत में होने वाले गुजरात विधानसभा चुनावों से पहले, कुछ राजनीतिक दलों ने यह भी घोषणा की है कि अगर वे सत्ता में आए तो वे ओपीएस को लागू करेंगे. अब तक चार राज्यों – छत्तीसगढ़, राजस्थान, झारखंड और पंजाब ने एनपीएस से ओपीएस में वापस जाने की अपनी योजना की घोषणा की है. 15वें वित्त आयोग के अध्यक्ष एन के सिंह ने कहा था कि ओपीएस प्रतिगामी है. राजस्थान की पेंशन और वेतन राजस्व उसके कर और गैर-कर राजस्व का 56% है.

error: Content is protected !!