नई दिल्ली . दिल्ली सचिवालय से गोपनीय फाइल गायब होने की शिकायत मिलने के बाद दिल्ली पुलिस ने विजिलेंस डिपार्टमेंट के स्पेशल सेक्रेटरी राजशेखर की शिकायत पर IP स्टेट थाने में 1 जून को FIR दर्ज की है. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा कि किसने फाइलों के साथ छेड़छाड़ की है.
दिल्ली पुलिस ने राजशेखर की ओर से दी गई तथ्यात्मक रिपोर्ट पर संज्ञान लेकर कार्रवाई की है. राजशेखर की रिपोर्ट में कहा गया है कि 15-16 मई की मध्य रात्रि से तीन बजे तक सचिव के दफ्तर से अनधिकृत तौर पर प्रवेश कर गोपनीय दस्तावेज हटा लिए गए. इनमें कई हाई प्रोफाइल व्यक्ति और अधिकारी भी जांच के दायरे में हैं.
डीसीपी संजय कुमार सैन ने बताया कि 31 मई को शिकायत मिली थी. इसमें राजशेखर ने बताया कि उनके कक्ष में कुछ महत्वपूर्ण गोपनीय फाइलें थीं. इनमें उन मामलों की भी फाइलें शामिल थीं, जिसमें केंद्रीय एजेंसियां जांच कर रही हैं. उन्होंने बताया कि दिल्ली सचिवालय स्थित कक्ष में 15-16 मई की रात को किसी ने अनधिकृत ढंग से प्रवेश कर इन फाइलों गायब कर दिया. साथ ही कुछ फाइलों की फोटो कॉपी भी की गई. उन्हें आशंका है कि कुछ महत्वपूर्ण सबूत या तो नष्ट कर दिए गए हैं, गोपनीयता भंग कर दी गई है या फिर चुराए हैं.
कुल 67 फाइलें गायब हैं. इन फाइलों में सीएम आवास की मरम्मत और आबकारी नीति घोटाले से जुड़ी फाइलें भी शामिल हैं. कुछ मामलों की कोर्ट में सुनवाई भी हो रही है. इसके अलावा अभिनव समाज नाम की गैर सरकारी संस्था के फर्जी लेटरहेड पर आईएएस राजशेखर के खिलाफ फर्जी शिकायत दी है. हालांकि, संस्था ने ऐसे किसी भी पत्र को लिखने से इनकार कर दिया था. राजशेखर ने शिकायत में कहा था कि यह कदम उनकी छवि को धूमिल करने के लिए किया गया था.
FIR पर क्या बोले सौरभ भारद्वाज?
दिल्ली के सर्विस मंत्री सौरभ भारद्वाज ने अज्ञात के खिलाफ एफआईआर को लेकर सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि विजिलेंस डिपार्टमेंट के सचिव सुधीर कुमार की नियुक्ति एलजी ने की थी न कि हमने. उन्होंने 16 मई 2023 को मुख्य सचिव नरेश कुमार को स्पष्ट रूप से लिखा था कि उनके निर्देश पर शैडो फाइलें (डुप्लीकेट कॉपी) बनाई गई. विभाग के मंत्री से इसका कोई लेना-देना नहीं है तो फिर अज्ञात के खिलाफ झूठी एफआईआर क्यों?