रायपुर. छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के प्रथम मुख्य न्यायमूर्ति डब्ल्यू. ए. शिशाक के दुखद निधन पर आज उच्च न्यायालय के माननीय मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा, माननीय न्यायाधिपतिगण, अतिरिक्त महाधिवक्ता राघवेन्द्र प्रधान, छत्तीसगढ़ राज्य विधिक परिषद के प्रतिनिधि प्रफुल्ल एन. भारत, डिप्टी सॉलिसिटर जनरल रमाकान्त मिश्रा, हाईकोर्ट अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष अब्दुल वहाब खान, अधिवक्तागण और रजिस्ट्रार जनरल सहित रजिस्ट्री के समस्त अधिकारीगणों की संयुक्त उपस्थिति में भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई.
मुख्य न्यायमूर्ति डब्ल्यू. ए. शिशाक का निधन 03 अगस्त, 2023 को 82 वर्ष की उम्र में इम्फाल में हुआ. उनका जन्म 01 जनवरी, 1941 को मणिपुर के उखरूल जिले के आदिवासी गांव में हुआ था. उन्होंने 1963 में स्नातक करने के बाद दिल्ली विश्वविद्यालय से एल.एल.बी. की परीक्षा उत्तीर्ण कर सन् 1967 से वकालत प्रारंभ किया. वे संवैधानिक एवं प्रशासनिक मामलों में दक्ष थे. वे नागालैण्ड सरकार के वरिष्ठ शासकीय अधिवक्ता के रूप में कार्यरत थे और नागालैण्ड अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष भी रहे.
इनकी प्रथम नियुक्ति न्यायाधीश के रूप में 02 जनवरी, 1989 को गोहाटी उच्च न्यायालय के कोहिमा बेन्च में हुई, इसके बाद 04 दिसम्बर 2000 को छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय, बिलासपुर में प्रथम मुख्य न्यायाधिपति के रूप में इनकी नियुक्ति हुई और 24 जनवरी, 2002 को हिमांचल प्रदेश हाईकोर्ट में मुख्य न्यायाधिपति के रूप में स्थानान्तरण हुआ. शिशॉक को देश के नागा जनजाति समुदाय के प्रथम न्यायाधीश और मुख्य न्यायाधीश होने का गौरव प्राप्त है. न्यायाधिपति शिशाक सौम्य, सरल, धैर्यवान और प्रतिभा के धनी होने के साथ ही जमीन से जुड़े हुए प्रतिष्ठित व्यक्ति थे. उनके न्यायिक क्षेत्र में विशेष योगदान को भुलाया नहीं जा सकता.