उत्तर प्रदेश में जीकी वायरस ने एंट्री कर लही है. दरअसल, प्रदेश में जीका वायरस का पहला मरीज कानपुर में मिला है. जीका वायरस के मरीज मिलने के बाद दिल्ली से विशेषज्ञों की टीम कानपुर पहुंची और मरीज के संपर्क में आए लोगों के सैंपल लिए गए. इसके बाद सभी लोगों के सैंपल को जांच के लिए भेजे दिए गए हैं. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मरीज वायुसेना स्टेशन का कर्मचारी है.
उन्हें फिलहाल एयरफोर्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है. लक्षणों के आधार पर अस्पताल प्रबंधन ने उसका सैंपल जांच के लिए पुणे भेजा था. जीका वायरस से पीड़ित वायु सेना वारंट अधिकारी पिछले कई दिनों से बुखार से पीड़ित थे. वायरस के प्रसार की जांच के लिए दस टीमों का गठन किया गया है.
रोकथाम के लिए बनी 10 टीमें
कानपुर में जैसे ही जीका वायरस के मरीज की पुष्टि हुई वैसे ही इस वायरस के रोकथाम के लिए और जांच के लिए 10 टीमों को कानपुर भेज दिया गया है. यह टीम वायरस का प्रसार के रोकथाम का काम करेगी और पता करेगी की आखिर कैसे वायरस का प्रसार हुआ. उत्तर प्रदेश में एयरफोर्स के वारंट अफसर एमएम अली चार-पांच दिन से बुखार से पीड़ित थे. जब उनकी जांच कर सैंपल को पुणे भेजा गया तब उन्हें जीका वायरस होने की पुष्टि हुई. जीका वायरस से पीड़ित एमएम अली पोरखपुर के रहने वाले हैं.
जिलाधिकारी ने बुलाई बैठक
जिलाधिकारी ने विशाख ने एयरफोर्स अस्पताल समेत कई मेडिकल कॉलेज के स्वास्थ्य विशेषज्ञों के साथ बैठक बुलाई. इसके अलावा जिलाधिकारी ने नगर निगम को फॉगिंग और मच्छर मारने की दवा का छिड़काव करने के लिए कहा है. जिलाधिकारी ने बताया कि यह प्रदेश का पहला मामला है. इसके रोकथाम के लिए उचित कदम उठाए जा रहे हैं.