रायपुर. सामाजिक संस्था यूनिटी फॉर सोशल जस्टिस के द्वारा माता सावित्री बाई फुले की 193 वीं जयंती वृंदावन हॉल में मनाई गई . इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि आईएएस महादेव कावरे , विशिष्ट अतिथि श्रम न्यायालय न्यायाधीश एसएल मात्रे , प्रमुख वक्ता वरिष्ठ अधिवक्ता जन्मेजय सोना, मुख्य वक्ता ओडिशा प्रदेश से शिक्षाविद जितेंद्र सुना, वरिष्ठ समाज सेवी महेंद्र गजभिए, भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ प्रदेश अध्यक्ष नीलेश लंगोटे, युवा अधिवक्ता लीकेश सिंह और युवा अधिवक्ता गण एवं अन्य युवा उपस्थित थे.
इस कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने महिला सशक्तिकरण एवं सामाजिक जागृति में भारत के प्रथम महिला शिक्षिका माता सावित्री बाई फुले के योगदान के विषय पर भाषण प्रतियोगिता आयोजित की गई थी जिसमें पूरे प्रदेश के छात्र छात्रा शामिल हुए. प्रतियोगिता में राजनांदगांव की श्रुति मेश्राम बने प्रथम विजेता, ऑल इंडिया रेडियो में कार्यरत अदिति अग्रवाल द्वितीय विजेता एवं युवा महिला अधिवक्ता गायत्री साहू बनी तृतीय विजेता. इस कार्यक्रम में अतिथियों ने माता सावित्री फुले के द्वारा नारी शसक्तिकरण और महिलाओं के लिए शिक्षा हेतु किए गए योगदान के ऊपर प्रकाश डाला .
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि आईएएस महादेव कावरे ने कहा कि नारी शिक्षा के जनक माता सावित्री बाई फुले है. देश में आज के शसक्त शिक्षित महिला के लिए माता सावित्री बाई फुले की योगदान को नही भुला जा सकता. देश के विकास के लिए आधी आबादी को शिक्षित होना जरूरी श्रम न्यायालय न्यायाधीश एवं कार्यक्रम में शामिल सभी अतिथियों ने भी माता सावित्री फुले के जीवन संघर्ष के ऊपर प्रकाश डाला. सभी प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र, पाठ्य सामग्री और विबेताओ को पुरस्कार वितरण की गई .