पहलगाम में पर्यटकों का धर्म पूछकर उनकी हत्या करने के बाद आतंकवादियों और उनके आकाओं के खिलाफ चलाया गया ऑपरेशन सिंदूर को लेकर विपक्ष हमलावर है। दो दिन पहले एक विदेशी मीडिया को दिए इंटरव्यू में विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि पहलगाम हमले के बाद शुरू हुआ ऑपरेशन सिंदूर अभी खत्म नहीं हुआ है। यह अभियान जारी है। वहीं अब सीज़फायर में अमेरिका के हस्तक्षेप को लेकर विदेश मंत्री ने कहा कि जब भी किसी देश ने हमसे पूछा तो हमने सिर्फ ये कहा कि अगर वो फायर करेंगे तो हम फायर करेंगे, अगर वो रुकेंगे तो ही हम रुकेंगे।
‘सीज़फायर में किसी देश का कोई रोल नहीं’
उन्होंने कहा कि, जब US सेक्रेटरी ने बताया कि पाकिस्तान बड़ा हमला कर सकता है तो हमने ये जवाब दिया कि अगर पाकिस्तान बड़ा हमला करेगा तो हम भी उससे बड़ा हमला करने के लिए तैयार हैं। डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता वाले पोस्ट पर विदेश मंत्री ने कहा सीजफायर दोनों DGMO के बातचीत से हुआ, इसमें किसी देश का कोई रोल नहीं रहा है।
इसके अलावा उन्होंने सिंधु जल संधि को लेकर कहा कि जो कुछ होगा देशहित में होगा और अच्छा ही होगा। यह बात विदेश मंत्री ने विदेश मामलों की कंसल्टेटिव कमिटी की मीटिंग में कही।
‘आसिम मुनीर की आर्मी का आतंकवादियों से सीधा लिंक’
उन्होंने कहा कि यदि पाकिस्तान से ऑपरेट कर रहे आतंकवादियों की ओर से फिर से टेरर अटैक होता है तो भारत उसका जवाब देगा और टेररिस्ट को टारगेट करेगा। पाकिस्तानी आर्मी आतंकवाद में कंठ तक डूबी हुई है। जयशंकर ने यह भी साफ किया कि कुछ दिनों पहले ही पाकिस्तान के फील्ड मार्शल बने आसिम मुनीर की आर्मी का आतंकवादियों से सीधा लिंक है। इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता है। बता दें कि विदेश मंत्री पहले ही कह चुके हैं कि आसिम बेहद कट्टर व्यक्ति हैं और मुनीर के इसी कट्टरपंथी रवैये के चलते ही पहलगाम में टेररिस्ट अटैक हुआ था।
अपने बयान पर मचे बवाल पर क्या बोले विदेश मंत्री
अपने बयान पर मचे बवाल पर जयशंकर ने एक बार फिर से ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान को दी गई जानकारी पर स्थिति साफ करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर जितनी देर चला, उसके कुछ देर बाद ही पाकिस्तान को जानकारी दे दी थी कि हमारी तरफ से सिर्फ आतंकी ठिकानों को टारगेट बनाया गया है। बता दें कि, विदेशमंत्री ने कुछ दिनों पहले कहा था कि ऑपरेशन सिंदूर लॉन्च करने के बाद इसकी जानकारी पाकिस्तान को दे दी गई थी। जिसको लेकिन राहुल गांधी समेत पूरी कांग्रेस ने बवाल मचा दिया था। विपक्ष ने विदेशमंत्री को ‘जयचंद’ तक कहा था।