वनकर्मियों की बेमियादी हड़ताल शुरू, बढ़ सकती है जंगलों की असुरक्षा

राजनांदगांव। जिले सहित समूचे छत्तीसगढ़ भर में फारेस्ट कर्मचारियों की आज से अनिश्चित कालीन हड़ताल शुरू होने के समाचार हैं। यदि यह आंदोलन लंबा खिंचा तेा मान कर चलें कि जंगलों की बेशकीमती और हरे-भरे वृक्षों की कटाई और तस्करी बढ़ सकती है। साथ ही वन्यजीवों का शिकार करने वाले इस अवसर का अधिक से अधिक फायदा उठा सकते हैं।

जिले में चुनाव आचार संहिता के बावजूद हो रहा आंदोलन
जिले में खैरागढ़ विधानसभा आम चुनाव के लिये आचार संहिता लागू हो गई है। धारा 144 लागू होने के बावजूद इसके जिले में और जिला मुख्यालय वाले इस शहर में आंदोलन हो रहे हैं। जिले के वन कर्मी जिनमें फारेस्ट गार्ड से लेकर डिप्टी रेंजर तक शामिल हैं, बारह सूत्रीय मांगों को लेकर कलेक्टोरेट के सामने नैशनल हाईवे फ्लाई ओवर के नीचे धरना-प्रदर्शन आंदोलन करते आज से बैठ गये हैं।
पिछड़ सकती है जिले में विभाग द्वारा बांस कटाई
प्राप्त जानकारी के अनुसार वन कर्मचारियों में वे कर्मचारी आंदोलन में नहीं शामिल हैं जो सेवानिवृत्ति की कगार पर हैं, लेकिन अंदरूनी तौर पर उनका समर्थन प्राप्त है। बताया जा रहा है कि यह आंदोलन लंबा खिंचा तो विभाग द्वारा कटाई जा रही जंगलों की बांस कटाई भी पिछड़ सकती है। कार्यालयीन कामकाज पर भी इसका असर पड़ सकता है। ज्ञातव्य है कि जिले में दो वनमंडल खैरागढ़ और राजनांदगांव है। इनके अतिरिक्त फारेस्ट प्रोजेक्ट भी है।

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