नई दिल्ली। टीएमसी की पूर्व सांसद महुआ मोइत्रा ने आखिरकार शनिवार को अपना सरकारी बंगला छोड़ दिया, जब बंगला खाली कराने के लिए टीम पहुंची. इसके पहले बंगला छोड़ने के लिए तीन बार नोटिस भेजा गया था, जिसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट का रुख किया था, लेकिन वहां से भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली थी.
पिछले महीने ही महुआ मोइत्रा को संसद में कैश के बदले सवाल पूछने के आरोपों में सदन से बर्खास्त कर दिया गया था. इसके बाद उन्हें आदेश मिला था कि वह सरकारी आवास को भी छोड़ दें. हालांकि, महुआ मोइत्रा ने इस पर अब तक कोई फैसला नहीं लिया था. अंत में उनसे जबरन ही आवास खाली कराने का फैसला लिया गया.
महुआ मोइत्रा ने घर खाली करने के नोटिस के खिलाफ हाई कोर्ट का भी रुख किया था, जहां से उन्हें राहत नहीं मिली थी. गुरुवार को ही अदालत का फैसला आया था और अब शुक्रवार को केंद्र सरकार ने टीम भेज दी है. एक अधिकारी ने बताया कि सांसद के तौर पर महुआ को घर मिला था. अब उनके पास सांसदी नहीं है तो उसके एवज में मिले घर को भी छोड़ना होगा.
मोइत्रा को डायरेक्टोरेट और एस्टेट्स की ओर से नोटिस मिला था, जिसे उन्होंने हाई कोर्ट में चुनौती देते हुए मेडिकल कारणों का हवाला दिया था. उनकी अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस काठपालिया ने कहा था कि ऐसा कोई नियम अदालत के समक्ष पेश नहीं किया सका है, जिसमें यह हो कि सांसदी जाने के बाद भी कोई संसद सदस्य सरकारी आवास में रह सकता है.