पूर्व PM मनमोहन सिंह ने लिखा ओपन लेटर, बताया सरकार बदलना क्यों जरूरी है?

Manmohan Singh Open Letter: एक जून को सातवें और आखिरी चरण की वोटिंग के बाद लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election 2024) संपन्न हो जाएगा। इसी बीच सातवें चरण के मतदान से पहले पूर्व PM मनमोहन सिंह (Former PM Manmohan Singh) ने पंजाब के नाम ओपन लेटर लिखा है। इस ओपन लेटर में मनमोहन सिंह ने पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) की आलोचना की और भविष्य के लिए कांग्रेस को चुनने की अपील की है। इस लेटर में मनमोहन सिंह ने बताया है कि आखिर इस बार सरकार क्यों बदलना जरूरी है।मनमोहन सिंह 1991 में नरसिम्हा राव सरकार में वित्त मंत्री थे। वो रिजर्व बैंक के गवर्नर भी रह चुके हैं।

पूर्व पीएम ने तीन पेज की चिट्ठी में लिखा,”हमारे लोकतंत्र और संविधान को निरंकुश शासन द्वारा बार-बार होने वाले हमलों से सुरक्षित रखने का ये आखिरी मौका है। इस मौके का ज्यादा से ज्यादा लाभ उठाएं.” पूर्व पीएम ने पिछले एक दशक में पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी के दो कार्यकालों के दौरान भारतीय अर्थव्यवस्था में अकल्पनीय उथल-पुथल पर अफसोस जाहिर किया है।

अपनी चिट्ठी में उन्होंने कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए सरकार के 10 सालों के दौरान प्रमुख सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक फैसलों की मौजूदा सरकार के साथ एक तुलना भी पेश की।

निचले स्तर पर पहुंची GDP दर
भारत की अर्थव्यवस्था और जीडीपी रेट को लेकर पूर्व पीएम ने कहा कि नोटबंदी की आपदा, त्रुटिपूर्ण जीएसटी और कोविड महामारी के दौरान खराब मैनेजमेंट से देश में दयनीय स्थिति पैदा हुई है। ऐसी स्थिति में 6 से 7 प्रतिशत से कम सकल घरेलू उत्पाद (GDP) की वृद्धि की उम्मीद सामान्य बात बन गई है। उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार के दौरान औसत सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 6 प्रतिशत से नीचे गिर गई है। कांग्रेस-यूपीए कार्यकाल के दौरान यह करीब 8 प्रतिशत थी। बेरोजगारी और बेलगाम महंगाई ने असमानता को काफी बढ़ा दिया है, जो अब 100 साल के उच्चतम स्तर पर है।

जवानों पर थोपी गई अग्निवीर योजना

वहीं पीएम मोदी महत्वकांक्षी योजना अग्निवीर योजना पर पूर्व पीएम ने कहा कि मोदी सरकार ने सशस्त्र बलों पर अग्निवीर योजना थोपा गया है। बीजेपी सोचती है कि देशभक्ति, शौर्य और सेवा का मूल्य सिर्फ 4 साल है। यह उनके नकली राष्ट्रवाद को दर्शाता है।

आय दोगुनी का वादा भी अधूरा
मनमोहन सिंह ने लेटर में लिका है कि मोदी जी ने 2022 तक हमारे किसानों की आय दोगुनी करने का वादा किया था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। पिछले 10 वर्षों में उनकी नीतियों ने कमाई कम कर दी है। किसानों की राष्ट्रीय औसत मासिक आय मात्र 27 रुपये प्रति दिन है, जबकि प्रति किसान औसत कर्ज 27,000 रुपये है।

घरेलू बचत दर 5 साल के सबसे निचले स्तर पर
सिंह ने कहा कि यूपीए ने तमाम चुनौतियों के बावजूद हमारे लोगों की क्रय शक्ति में इजाफा किया है। जबकि बीजेपी के कुशासन की वजह से घरेलू बचत दर 47 साल के ऐतिहासिक निचले स्तर पर पहुंच गई है। वित्त वर्ष 20233-23 में घरेलू बचत गिरकर पांच साल के निचले स्तर 14.2 ट्रिलियन रुपये पर आ गई, जो जीडीपी का 5.3 प्रतिशत है।.

किसानों के मुद्दे पर भी मोदी के घेरा
पूर्व पीएम ने 2020-21 के किसानों के विरोध प्रदर्शन पर भी केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा, “लगभग 750 किसान, जिनमें से ज्यादातर पंजाब से थे, दिल्ली की सीमाओं पर महीनों तक इंतजार करते हुए मर गए। लाठियां और रबर की गोलियां काफी नहीं थीं। प्रधानमंत्री ने संसद में ‘आंदोलनजीवी’ और ‘परजीवी’ कहकर मौखिक रूप से भी हमारे किसानों पर हमला बोला। मनमोहन ने कहा, “उनकी एकमात्र मांग उनसे सलाह लिए बिना उन पर लगाए गए तीन कृषि कानूनों को वापस लेना था। पिछले दस वर्षों में, बीजेपी सरकार ने पंजाब, पंजाबियों और पंजाबियत को बदनाम करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। मोदी ने कुछ गलत बयानों के लिए मुझे भी जिम्मेदार ठहराया है। मैंने अपने जीवन में कभी भी एक समुदाय को दूसरे समुदाय से अलग नहीं किया। यह करने का कॉपीराइट सिर्फ बीजेपी के पास है।

देश के युवाक हो रहे बेरोजगार
अपने ओपने लेटर में पूर्व पीएम ने वेतन असमानता पर भी अपनी बात रखी है। उन्होंने कहा कि मार्च में वर्ल्ड इनइक्वलिटी लैब की एक रिपोर्ट आई, जिसमें कहा गया था कि आज भारत के सबसे अमीर लोगों के पास पिछले 100 वर्षों में किसी भी समय की तुलना में राष्ट्रीय आय का बड़ा हिस्सा है। देश में आय की असमानता बढ़ रही है। बेरोजगार युवाओं की संख्या बढ़ रही है।

पंजाब में सभी 13 सीटों पर 1 जून को मतदान, इसलिए जारी किया ओपन लेटर

बता दें कि पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर आखिरी फेज में 1 जून को वोटिंग होगी। यहां INDIA गठबंधन में शामिल कांग्रेस और आम आदमी पार्टी (AAP) अलग-अलग चुनाव लड़ रही है। वहीं बीजेपी 13 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ रही है।

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