धार। धार पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग एप के नाम पर विभिन्न बैंकों की शाखाओं में फर्जी दस्तावेज और फर्जी हस्ताक्षर कर फर्जी तरीके से 1 करोड़ 7 लाख रुपये के लेन-देन करने में शामिल धार के पांच लोगों पर ठगी का मामला दर्ज किया है। ये लोग म्यूल खातों की राशि इधर-उधर करते थे। बदले में कमीशन मिलता था।
शुक्रवार को कांग्रेस नेता व महिला पार्षद के बेटे लईक पुत्र रईस शेख निवासी पिंजारवाड़ी धार सहित पांच लोगों की तलाश शुरू कर दी है। मुख्य आरोपियों लईक अपने नौकर और सहायक जावेद उर्फ राजा के माध्यम से अन्य आरोपियोों के खातों से साइबर ठगी के माध्यम से आए रुपयों को निकलवाता था। साइबर ठगी से प्राप्त सेकंड, थर्ड, और फोर्थ लेयर के रुपयों को नकद निकालकर अन्य खातों में ट्रांसफर करता था।
समझें ठगों का पूरा खेल
- धार नगर पुलिस अधीक्षक रविंद्र वास्कले ने बताया कि मुख्य आरोपियों लईक पुत्र रईस शेख, सह आरोपियों फैजान पुत्र अनवर, आमिर पुत्र कलीम, जावेद पुत्र रईस व इसरार पुत्र मुख्तियार सभी निवासी धार पर ठगी के साथ सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है।
- उन्होंने बताया कि 24 सितंबर 2024 को केनरा बैंक की धार शाखा से एक शिकायती आवेदन प्राप्त हुआ था। इसके तहत खाता क्रमांक 20030709974 का स्टेटमेंट लिया गया। खाते में 70,99,225 रुपये का ट्रांजेक्शन होना पाया गया।
- जांच के दौरान लईक द्वारा फैजान, आमिर और इसरार के खातों को म्यूल खातों की तरह उपयोग किया गया। सभी आरोपियों ने षड्यंत्रपूर्वक संगठित होकर फर्जी शेयर ट्रेडिंग एप के माध्यम से कुल 1 एक करोड़ सात लाख 97 हजार 324 रुपये म्यूल बैंक खातों में चेक आदि के माध्यम से लेन-देन कर साइबर ठगी की।
- आरोपियोंों ने चेक और एटीएम से 37,97,324 रुपये निकाले। आमिर के खाते से 6 लाख 52 हजार 500 रुपये, इसरार के खाते से 28 लाख 59 हजार 824 रुपये और फैजान के खाते से 2 लाख 75 हजार रुपये की नगद राशि निकाली गई।
- आरोपियों ने 8 खातों में लगभग 70 लाख रुपये का आनलाइन ट्रांजेक्शन किया गया। इन खातों से अधिकतम राशि निकाल ली गई और न्यूनतम राशि को होल्ड करवा दिया गया।
- लईक के बैंक खातों की जांच की जा रही है। संभावित रूप से लईक ने खुद के खाते का उपयोग नहीं किया। आरोपियों के सभी बैंक खातों पर राष्ट्रीय अपराध सायबर पोर्टल 1930 पर विभिन्न राज्यों से कुल 20 सायबर ठगी की शिकायतें दर्ज की गई हैं।
- लईक मुख्य भूमिका निभा रहा था। उसने अपने खातों में पैसे नहीं लिए, बल्कि म्यूल खातों को संचालित किया। म्यूल खातों की जांच जारी है। लईक के अन्य खातों की जानकारी ली जा रही है।
क्या होते है म्यूल अकाउंट
- म्यूल बैंक अकाउंट ऐसे अकाउंट होते हैं, जिनका इस्तेमाल जालसाज ऑनलाइन ठगी में मिले पैसों को ठिकाने लगाने के लिए करते हैं। अगर वह खुद के खाते खुलवाए तो केवाईसी के तहत फंस जाएंगे। ऐसे में वे लोगों को कमीशन का लालच देकर फंसाते हैं।
- ऐसे में किसी तीसरे व्यक्ति से खाता खुलवाकर उसमें ठगी की राशि मंगवाते हैं। ठगी की रकम में से खाताधारक को राशि का कुछ हिस्सा दिया जाता है। पुलिस लगातार लोगों को आगाह कर रही है कि ठगों के इस तरह के प्रलोभन में न फंसे।