दरअसल 3 दिन पहले चारामा के एक व्यक्ति ने कोतवाली थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि आरवी कंपनी अम्बिकापुर, स्पश एडवाइजर्स प्राइवेट लिमिटेड रायपुर के फाउंडर व अन्य द्वारा अधिक से अधिक लोन दिलाने का झांसा दिया गया. कहा गया कि लोन से निकाली गई राशि में 50 प्रतिशत राशि संबंधित को जमा करने होंगे और 50 प्रतिशत राशि कंपनी द्वारा जमा की जाएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ.
शेयर मार्केट में करते थे 50 प्रतिशत राशि का इस्तेमाल
लोन की 50 प्रतिशत राशि लेने के बाद भी आरोपियों ने राशि जमा न कर धोखाधड़ी की. लगभग 28 लोगों से 3 करोड़ 72 लाख रुपए की ठगी की गई है. रिपोर्ट के आधार पर पुलिस ने जांच शुरू की और 7 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. मामले में पुलिस अब विभिन्न बैंक व उनके कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच कर रही है. आरोपियों ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि वह 50 प्रतिशत राशि का इस्तेमाल शेयर मार्केट में किया करते थे.
जानिए पूरा मामला
बता दें कि लल्लूराम डॉट काम ने ही इस फ्राड का खुलासा किया था. इस फ्रॉड में अब तक 140 लोगों के नाम की सूची लल्लूराम डॉट कॉम के पास पहुंची है. ये फ्रॉड करोड़ों रुपए का है, लेकिन इसे एक नंबर तरीके से किया गया है. चंद महीने पहले रायपुर के डीएम प्लाजा के पहले माले में एक ऑफिस खुलती है, जिसका नाम है स्पश (Spash) एडवाइजर प्राईवेट लिमिटेड. यहां एक स्कीम शुरू की जाती है, स्कीम ये होती है कि कोई भी शासकीय कर्मचारी यहां अपने दस्तावेज लेकर आएगा और उनके नाम पर लोन लिया जाएगा. स्कीम के तहत जो भी ईएमआई होगी वो पूरी कंपनी पटाएगी और लोन का 50 प्रतिशत उक्त सरकारी कर्मचारी को दे दिए जाएंगे.
उदाहरण के तौर पर ऐसे समझे कि राजा (बदला हुआ नाम) शासकीय कर्मचारी है. उसके कागजों पर 50 लाख रुपए का लोन Spash प्राईवेट लिमिटेड ने दिलवाया. लोन का 25 लाख उक्त कर्मचारी चेक के माध्यम से कंपनी को देगा और कंपनी पूरे 50 लाख की ईएमआई भी पटाएगी. इसी झांसे में आकर कई शासकीय कर्मचारियों ने लोन लिए. उक्त कंपनी ने 8-9 महीने लोन की ईएमआई भी पटाई, लेकिन बाद में आना-कानी करने लगे अब लोन लेने वाले शासकीय कर्मचारी दर-दर भटक रहे है.