Journaling for Stress Relief: आज के समय में स्ट्रेस और एंग्जायटी से बहुत से लोग जूझ रहे हैं और यह आम समस्या बनती जा रही है. ऐसे में जर्नलिंग से मन को शांत करने, सोच को साफ करने और एंग्जायटी कम करने में मदद मिल सकती है, खासकर अगर इसे रोज़ाना की आदत बना लिया जाए. आज हम आपको इसके बारे में ही विस्तार से बताएंगे कि क्या वाकई जर्नलिंग से एंग्जायटी और तनाव कम होता है?
जर्नलिंग क्या है? (Journaling for Stress Relief)
जर्नलिंग का मतलब होता है, अपने विचारों, भावनाओं, अनुभवों या परेशानियों को कागज़ पर उतारना. इसे “एक्सप्रेसिव राइटिंग” भी कहा जाता है, यानी भावनाओं को शब्दों में व्यक्त करना.
क्या जर्नलिंग से एंग्जायटी और स्ट्रेस कम होता है? (Journaling for Stress Relief)
हाँ, विज्ञान और रिसर्च दोनों ही यह बताते हैं कि जर्नलिंग से मानसिक स्वास्थ्य पर सकारात्मक असर पड़ता है.
वैज्ञानिक प्रमाण
1- University of Texas की एक स्टडी के अनुसार, जब लोग अपनी भावनाओं को लिखते हैं, तो उनका स्ट्रेस लेवल कम होता है और इम्यून सिस्टम बेहतर होता है.
2- Harvard Medical School की रिपोर्ट्स में भी यह बताया गया है कि जर्नलिंग करने से व्यक्ति की सोच स्पष्ट होती है, जिससे वह बेहतर निर्णय ले सकता है और मन को शांत कर पाता है.
3- Positive Psychology Journal में प्रकाशित एक रिसर्च के अनुसार, 15–20 मिनट तक रोजाना जर्नलिंग करने से कुछ ही हफ्तों में एंग्जायटी के लक्षणों में कमी देखी गई.
जर्नलिंग कैसे मदद करता है? (Journaling for Stress Relief)
- भावनाओं की पहचान होती है: जब हम लिखते हैं, तो हमें पता चलता है कि हम क्या महसूस कर रहे हैं और क्यों.
- मन हल्का होता है: जो बात दिल में रहती है, वह बोझ बन जाती है. लिखने से मन का बोझ कम होता है.
- नेगेटिव थॉट्स बाहर आते हैं: जर्नलिंग एक सेफ स्पेस देती है जहां हम बिना किसी जजमेंट के अपनी बात कह सकते हैं.
- समस्याओं को ऑब्जेक्टिवली देखने में मदद मिलती है: जब हम अपनी समस्याओं को लिखते हैं, तो हम उन्हें अलग नजरिए से देखने लगते हैं और समाधान भी सूझने लगता है.
कैसे शुरू करें जर्नलिंग? (Journaling for Stress Relief)
1- दिन में सिर्फ 5–10 मिनट से शुरुआत करें.
2- खुद से ये सवाल पूछें: आज मैं कैसा महसूस कर रहा/रही हूं? आज की सबसे बड़ी चिंता क्या है? क्या कुछ अच्छा हुआ जिसे मैं नोट करना चाहता/चाहती हूं?
3- कोई नियम नहीं है, आप चाहे तो bullet points में लिखें या लंबे पैराग्राफ्स में.

