Mahakaal: महाकाल मंदिर में लड़कियों के छोटे कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है। मंदिर प्रबंधन ने मंदिर की गरिमा और पवित्रता बनाए रखने के लिए ये निर्णय लिया है। मंदिर समिति ने दक्षिण भारत के मंदिरों की तर्ज पर ड्रेस कोड के इस फैसले को लागू किया गया है। मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर और दिल्ली के कालका जी मंदिर में भी यह नियम लागू हैं। अब दार्जिलिंग का महाकाल मंदिर (Darjeeling Mahakaal Temple) देश का तीसरा ऐसा मंदिर बन गया है, जहां लड़कियों के छोटे कपड़े पहनकर आने पर रोक लगा दी गई है।
मंदिर गेट के बाहर पोस्टर लगाए गए हैं, जिनमें लिखा है कृपया मंदिर में प्रवेश से पहले उचित परिधान धारण करें। शार्ट्स, मिनी स्कर्ट, स्लीवलेस टॉप प्रतिबंधित। मामले में गोरखालैंड टेरिटोरियल एडमिनिस्ट्रेशन (जीटीए) के प्रवक्ता शक्ति प्रसाद शर्मा ने कहा कि यह मंदिर समिति का फैसला है, इस पर कुछ कहना उचित नहीं।

इधर, समिति ने भक्तों की सुविधा के लिए डोनेशन काउंटर पर चूड़ीदार और घाघरा रखवाए हैं। जो अनजाने में छोटे कपड़े पहनकर आ जाएं, वे वहां से सस्ते दाम पर किराए पर ले सकते हैं।
मंदिर समिति ने दक्षिण भारत के कई बड़े मंदिरों में लागू व्यवस्थाओं की तरह सख्त ड्रेस कोड लागू करने का फैसला लिया है। इस नियम के तहत, अब लड़कियों और महिलाओं मंदिर में शॉर्ट्स, मिनी स्कर्ट या फिर किसी भी प्रकार के अन्य छोटे या अशोभनीय माने जाने वाले कपड़े पहनकर नहीं आ सकेगी। इस तरह के कपड़े पहने होने पर उन्हें मंदिर में एंट्री नहीं मिलेगी। मंदिर समिति के जिम्मेदारों ने बताया कि उन्होंने यह फैसला काफी विचार-विमर्श के बाद लिया है। दरअसल, छोटे कपड़े पहनकर आने से मंदिर का वातावरण खराब हो रहा था. इसी को देखते हुए उन्होंने इसी हफ्ते से मंदिर में नया ड्रेस कोड लागू किया है। एक तरफ कुछ लोग इसे जरूरी तो कुछ इसे पर्सनल आजादी पर खतरा बता रहे हैं।
छोटे और अशोभनीय कपड़े पहनने पर लगी रोक
आपको बता दें कि इससे पहले भी कई मंदिर में ये व्यवस्था लागू है, जहां महिलाओं और युवतियों के छोटे और अशोभनीय कपड़े पहनकर आने पर रोक है। ऐसे ही मंदिरों की तर्ज दार्जिलिंग के महाकाल मंदिर में नई ड्रेस कोड व्यवस्था लागू की गई है। अब देखने ये होगा कि मंदिर समिती कैसे इस व्यवस्था को सुचारू से जारी रखती और इस दौरान उन्हें क्या-क्या परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

