बता दें कि भारत देश में प्रति वर्ष सड़क दुर्घटना में लगभग डेढ़ लाख लोगो की मृत्यु होती है, जिसका प्रमुख कारण घायलों को त्वरित चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध नही होने के कारण होता है. सड़क दुर्घटना के दौरान प्रथम तीस मिनट का समय गोल्डन आवर कहलाता है. इस दौरान यदि घायल व्यक्ति को किसी भी प्रकार से हास्पिटल तक पहुंचा दिया जाता है या फिर चिकित्सा व्यवस्था उपलब्ध करा दिया जाता है तो घायल की जान बचाई जा सकती है. किन्तु अधिकांश सड़क दुर्घटनों में लोगों द्वारा मोबाइल से वीडियो फोटो बना लिया जाता है, किन्तु घायल की जान बचाने हेतु कोई उपाय नहीं किया जाता.
इसे ध्यान में रखते हुए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया है कि थाना क्षेत्र में घटित सड़क दुर्घटना में घायल को त्वरित सहायता पहुंचाने हेतु गुड सेमेरिटंस का अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करने एवं घायल को त्वरित सहायता पहुंचाकर जान बचाने वाले गुड सेमेरिटंस को प्रोत्साहित व पुरस्कृत करने के लिए निर्देशित किया गया है. इसी क्रम में रायपुर जिले में घटित विभिन्न सड़क दुर्घटनाओं में घायलों की मदद करने वाले गुड सेमेरिटंस को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक द्वारा मोंमेंटो व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया था.